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GST टैक्स रेट और लिमिट पर काउंसिल की पहली मीटिंग में नहीं बनी सर्वसम्मति

नई दिल्ली
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की गुरुवार को पहली मीटिंग में टैक्स रेट और टैक्स लगाने की सीमा पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई। हालांकि, इसने टैक्स लेजिस्लेशंस और कामकाज का फ्रेमवर्क तय करने का ड्राफ्ट टाइमटेबल तय कर लिया है। मीटिंग शुक्रवार को भी होगी। सरकार अगले साल 1 अप्रैल से इस नए इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को लागू करना चाहती है।

फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने गुरुवार को काउंसिल की चार घंटे चली मीटिंग के बाद कहा, ‘मैं जीएसटी काउंसिल की फंक्शनिंग को लेकर पॉजिटिव हूं। हमने काउंसिल की फंक्शनिंग के रूल्स फाइनल कर लिए हैं। एक ड्राफ्ट टाइमटेबल दिया गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्यों के रिश्तों में जो खुलापन होना चाहिए, वह मीटिंग में दिखा।’ जेटली ने कहा कि अभी कई मसलों को सुलझाना है। इसलिए शुक्रवार के बाद भी काउंसिल की कई छोटी बैठकें होंगी।

गुरुवार की मीटिंग जेटली की अध्यक्षता में हुई। राज्यों के वित्त मंत्री इसमें मेंबर के तौर पर शामिल हुए। काउंसिल में केंद्र के पास एक तिहाई वोट हैं, जबकि हर राज्य के पास एक वोट है, जो मिलाकर दो तिहाई होता है। काउंसिल में सारे फैसले तीन चौथाई बहुमत से लिए जाएंगे। जीएसटी से जुड़े सभी मामलों में यह सबसे बड़ी संस्था है।
केंद्र नए टैक्स सिस्टम को अगले साल 1 अप्रैल से लागू करना चाहता है, लेकिन तमिलनाडु सहित कुछ राज्य इसे 1 सितंबर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। केरल जैसे कुछ राज्यों ने नए टैक्स सिस्टम को लागू करने के सख्त टाइमटेबल को लेकर आगाह किया है। टैक्स लगाने की न्यूनतम सीमा पर बड़े और छोटे राज्यों की अपनी-अपनी राय है। बड़े राज्य इसे 25 लाख तो छोटे राज्य 10 लाख रखने की मांग कर रहे हैं। जेटली ने कहा कि इस मसले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

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