SC ने पलटा अपना ही फैसला, सरकारी एेड में लग सकती है CM-मिनिस्टर्स की फोटो
नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी एेड में फोटो लगाने के अपने ही फैसले को शुक्रवार को पलट दिया। अब ऐसे ऐड में कैबिनेट मिनिस्टर्स, गवर्नर्स, सीएम और स्टेट मिनिस्टर्स की फोटो लगाई जा सकती है। पांच राज्यों में असेंबली इलेक्शन को देखते हुए इसे पार्टियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। पहले लगाई थी रोक, केंद्र ने लगाई थी रिव्यू पिटीशन…
– सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में सरकारी एेड में प्रेसिडेंट, पीएम और चीफ जस्टिस के अलावा किसी और की फोटो के पब्लिकेशन पर रोक लगा दी थी।
– इस ऑर्डर के खिलाफ केंद्र और राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कोर्ट से उस ऑर्डर का रिव्यू करने की मांग की थी।
– केंद्र और राज्यों ने कहा कि यह ऑर्डर फंडामेंटल राइट्स और फेडरलिज्म का वॉयलेशन करता है।
– जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस पी सी घोष की बेंच ने नौ मार्च को दिनभर दलीलों को सुनने के बाद केंद्र और 7 राज्यों की रिव्यू पिटिशन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
9 मार्च को सुनवाई में क्या कहा केंद्र ने
– सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा- “अगर पीएम की फोटो लगाने की एेड में परमिशन दी जाती है, तो वही हक उनके कैबिनेट के मेंबर्स को भी मिलना चाहिए।”
– रोहतगी ने कहा- “मुख्यमंत्रियों और उनकी कैबिनेट के मेंबर्स की फोटोज एड में लगाने की परमिशन दी जानी चाहिए। यह ऑर्डर फेडरलिज्म के प्रिंसिपल्स के मुताबिक नहीं है।”
– “संविधान के आर्टिकल 19 (फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन) राज्यों और नागरिकों को इनफॉर्मेशन देने की पावर देता है और इसमें अदालतों की तरफ से कटौती नहीं की जानी चाहिए।”
– सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा- “अगर पीएम की फोटो लगाने की एेड में परमिशन दी जाती है, तो वही हक उनके कैबिनेट के मेंबर्स को भी मिलना चाहिए।”
– रोहतगी ने कहा- “मुख्यमंत्रियों और उनकी कैबिनेट के मेंबर्स की फोटोज एड में लगाने की परमिशन दी जानी चाहिए। यह ऑर्डर फेडरलिज्म के प्रिंसिपल्स के मुताबिक नहीं है।”
– “संविधान के आर्टिकल 19 (फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन) राज्यों और नागरिकों को इनफॉर्मेशन देने की पावर देता है और इसमें अदालतों की तरफ से कटौती नहीं की जानी चाहिए।”