नहीं घटा महिलाओं का पारा, शराब ठेकों के विरोध में सड़कों पर जनाक्रोश

अलवर दुपहरी में सूरज जहां अपने तेवर पर था तो महिलाओं का पारा भी शराब के विरोध में कुछ कम गर्म नहीं था। तल्ख धूप में भी महिलाओं ने शराब का विरोध जारी रखा। नारेबाजी कर दुपहरी में 12 बजे रैली निकाली तो शहरवासी इनके जोश व जुनून को देखते ही रह गए। कई दिनों से धरने पर बैठी महिलाओं ने एक बार फिर शहर में रैली निकाली और शराब ठेकों के विरोध में समर्थन मांगा।

सब्जी मंडी के पीछे विकास पथ पर शराब ठेकों के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं ने सोमवार दोपहर को रैली निकाली, जो करीब तीन घंटे बाद पुन: धरना स्थल पर पहुंची। इसमें सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं और शराब ठेकों के विरोध में जमकर नारेबाजी की।रैली विकास पथ से शुरू हुई और काशीराम चौराहा, भगत ङ्क्षसह चौराहा, घंटाघर, अंडे वाली गली, होप सर्कस, बस स्टैंड, अशोका टॉकीज, गाय वाला मोहल्ला, त्रिपोलिया, देहली दरवाजा, दीवानजी का बाग होते हुए धरना स्थल पहुंचकर समाप्त हुई।रैली में शामिल प्रेमलता ने बताया कि रैली का उद्देश्य गहरी नींद में सो रहे अधिकारियों को जगाना है। दर्जनों महिलाएं कई दिनों से शराब ठेकों के विरोध में सड़क पर बैठी हुई हैं, लेकिन शराब ठेकों को हटाने के लिए अभी तक कोई ठोस पहल किसी स्तर पर नहीं हुई है।रैली में पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू पूजा छाबड़ा भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि शराब के विरोध में जनाक्रोश सड़कों पर है। सरकार को जनता की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। शराब को बंद कर देना चाहिए।इधर, बंद रहे ठेके

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शनिवार और रविवार को भी रैली निकाली थी और कई जगह शराब के ठेकों को बंद कराया था। प्रदर्शनकारी महिलाओं के डर से सोमवार को रोड नंबर दो, जय कॉम्पलेक्स व अंडे वाली गली के ठेके बंद रहे।अब बनने लगा माहौल
धरने पर बैठी महिलाओं ने दिन में रैली निकाली। रैली विभिन्न बाजारों से होते हुए पूरे शहर में घूमी। इस दौरान दुकानदार और ग्राहक भी चर्चा करते आए और महिलाओं की मांग को जायज बताया। सभी का एक ही कहना था कि गली-गली में ठेके खुल गए हैं, जिससे माहौल खराब हो रहा है।