साधु ने मिट्टी में समाधि लेकर ऊपर उगाए ज्वारे

जयपुर। राजधानी में गोविंदगढ के पास एक धार्मिक स्थान पर संत ने मिट्टी में समाधि लेकर उसके ऊपर ज्वारे उगाए हैं। ये ज्वारे अपनी किसी इच्छा की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि नवरात्र में विश्वकल्याण के लिए उगाए हैं। संत को समाधि की सूचना के बाद आसपास के लोगों का हुजूम उमड रहा है।

चौमूं से आगे डोबलाई गांव के पास केरली की जोडी सिंगोद खुर्द में नवरात्र में रामप्रकाश दास त्यागी महाराज ने समाधि ली है। त्यागी महाराज के नाम से पहचान बनाने वाले महाराज 9 दिनों में अन्न-जल से दूर रहेंगे।

महाराज की तपस्या को लेकर मंदिर में देवी उपासना, रामचरित मानस और भजनों के माध्यम से ग्रामीण समाधि पूरी होने का इंतजार कर रहे है। स्थानीय निवासी ओम शास्त्री ने बताया कि महाराज 16 अप्रेल को समाधि से बाहर आएंगे।

पिछली बार भी ली थी समाधि

स्थानीय लोगों का कहना है कि त्यागी महाराज ने पहली दफा समाधि नहीं ली है। गांव में ही करीब 7 माह पहले आए महाराज ने पिछले नवरात्रों में भी समाधि ली थी। वे

मिट्टी के बीच लेट जाते हैं और उसके बाद उन पर मिट्टी बिछाई जाती है। पानी और फिर उनके बताए गए मुहूर्त पर ज्वारे उगाए जाते हैं।

आसपास के करीब दो दर्जन गांवों से लोग त्यागी महाराज के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। कुछ लोग आस्था से जोड़ रहे हैं तो कई आश्चर्य से। महाराज की इस तरह की समाधि को लेकर लोगों का कहना है कि हमारी संस्कृति संतों के त्याग पर ही टिकी है।