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इनके इशारे पर बनते हैं मंत्री! 10 हजार से ज्यादा लोग करते हैं इसके लिए काम

नई दिल्ली।

भारतीय मूल के बिजनेसमैन अतुल गुप्ता से नजदीकियों के कारण दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा की कुर्सी खतरे में है। जुमा पर वित्तीय अनियमितता व अतुल को फायदा पहुंचाने का आरोप है। यह पहला मौका नहीं है जब अतुल विवादों में हैं। 2013 में भतीजी की भव्य शादी में उन्होंने भारत से आए बारातियों को वायुसेना बेस पर उतार दिया था और बिना सुरक्षा जांच के बारातियों को जाने दिया गया था।

चर्चा में क्यों? 

आरोप है कि पूर्व दक्षिण अफ्रीकी वित्तमंत्री नेने को जुमा ने उनके दबाव में ही हटाया था। वे जुमा के करीबी माने जाते हैं। जोहान्सबर्ग में हाल ही लोगों ने रैली निकालकर ‘गुप्ता मस्ट फॉल’ के नारे लगाए।

‘जुप्ता’ फैमिली नाम से पुकारते हैं लोग  

सहारनपुर (यूपी) के रहने वाले अतुल को पिता ने 1993 में दक्षिण अफ्रीका भेज दिया था। वहां अतुल ने सहारा कम्प्यूटर्स की नींव रखी। उनकी फर्म में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। वे कम्प्यूटर, ट्रैवल व खनन का व्यवसाय करते है। अकेले सहारा कम्प्यूटर्स का वार्षिक टर्नओवर 150 करोड़ रु. से अधिक है। राष्ट्रपति जुमा के पुत्र डूडूजेन सहारा कम्प्यूटर्स के निदेशक थे जिन्होंने हाल ही इस्तीफा दिया है। उनकी पत्नी व बेटी भी गुप्ता की कंपनी में काम करती हैं। आलोचक दोनों परिवारों की नजदीकियों के कारण उन्हें ‘जुप्ता’ फैमिली कहते हैं।

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