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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों की जगह नहीं; समय की मांग विस्तारवाद नहीं, विकासवाद-पीएम मोदी

लंदन । भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। इससे ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और कई वस्तुओं पर टैरिफ में कमी आएगी। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी होगी।
समझौते के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिवस है। मुझे खुशी है कि कई वर्षों की मेहनत के बाद आज दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता संपन्न हुआ है। समझौता महज आर्थिक साझेदारी नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। ये समझौता भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों और क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।’
पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कठोर निंदा के लिए हम प्रधानमंत्री स्टार्मर और उनकी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। हम इस बात पर भी सहमत हैं, कि अतिवादी विचारधारा वाली शक्तियों को लोकतांत्रिक आजादी का दुरुपयोग नहीं करने दिया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर हम विचार साझा करते रहे हैं। सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अनिवार्य है। आज के युग की मांग विस्तारवाद नहीं विकासवाद ही है।’
पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री स्टार्मर के गर्मजोशी भरे स्वागत-सत्कार के लिए, हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। आज हमारे संबंधों में एक एतिहासिक दिन है। मुझे खुशी है कि कई वर्षों की मेहनत के बाद आज दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता संपन्न हुआ है। एक ओर भारतीय टेक्सटाइल्स, फुटवियर, रत्न और आभूषण, सी-फूड और इंजीनियरिंग गुड्स को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘भारत के ऐग्रिकल्चर उत्पादन और प्रोसेस्ड फूड उद्योग के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर बनेंगे। भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई सेक्टर के लिए यह समझौता विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा। वहीं दूसरी ओर भारत के लोगों और उद्योग के लिए ब्रिटेन में बने उत्पाद जैसे मेडिकल डिवाइसेज और एयरोस्पेस पार्ट्स सुलभ और किफायती दरों पर उपलब्ध हो सकेंगे।’
पीएम मोदी ने कहा कि अगले दशक में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति और ऊर्जा देने के लिए, आज हम विजन 2035 पर भी बात करेंगे। यह टेक्नोलॉजी, डिफेंस, क्लाइमेट, एजुकेशन और पीपल-टू-पीपल कनेक्ट के क्षेत्रों में एक मजबूत, भरोसेमंद और महत्वाकांक्षी साझेदारी का रोडमैप होगा।
इससे पहले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, इस एफटीए से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को फायदा होने की उम्मीद है। इससे ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा। इससे समग्र व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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