संसद के चालू सत्र में पारित हो जाएगा जीएसटी विधेयक: जयंत सिन्हा

केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि इस बजट को समाज के सभी वर्गों का साथ मिलेगा और इससे सबका विकास होगा। उनका अनुमान है कि अप्रत्यक्ष कर के  सुधार की दिशा में सबसे बड़ा कदम जीएसटी विधेयक संसद के इसी सत्र में पारित हो जाएगा। आम बजट 2016-17 पर जयंत सिन्हा ने अमर उजाला के संवाददाता शिशिर चौरसिया से पिछले दिनों बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

प्रश्न- इस बार के बजट में आपने किन चीजों पर खास ध्यान रखा है।

उत्तर- बजट बनाते समय हमारे सामने अर्थव्यवस्था का कोई एक पक्ष नहीं होता है बल्कि सभी पक्ष सामने होते हैं। हमने अपने सामने तीन संतुलन को सामने रखा। पहला, अनौपचारिक ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जिसे कि भारत कहा जाता है और आधुनिक वैश्विक क्षितिज पर उभरती अर्थव्यवस्था, जिसे इंडिया कहा जाता है, के बीच का संतुलन। दूसरा, विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय अनुशासन और विकास के प्रतिमानों के बीच का संतुलन। तीसरा संतुलन अच्छी राजनीति और अच्छे अर्थशास्त्र के बीच मानता हूं। ऐसा इसलिए, क्योंकि हमें जनता के बीच जाकर चुनाव भी जीतना है। अब जनता बताएगी कि यह कैसा रहा।

प्रश्न- आप कहते हैं कि यह सबके विकास का बजट है जिसमें सबका साथ मिलेगा। वह कैसे?

उत्तर- हमने वर्ष 2014 के चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया। हमने देखा कि लोगों के मन में नई आशाएं हैं और हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना है। इसी के लिए हमने बजट में मैक्रो इकनॉमिक स्थिरता पाने का कदम उठाया। हमने सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने का प्रयास किया, जो कि सफल रहा। अब यह 5.8 फीसदी से बढ़ कर 7.3 फीसदी पर आ गया। महंगाई की दर नीचे आई और राजकोषीय घाटे को काबू में रखने में सफल हुए हैं। इसी का प्रतिफल है कि हम चालू वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.9 फीसदी तक सीमित रखने में सफल हो रहे हैं और अगले साल के लिए 3.5 फीसदी का लक्ष्य रखा गया है। जहां तक इस बजट की बात है तो हमने ऐसी आर्थिक रणनीति बनायी है जिसमें सप्लाई साइड पर भी ध्यान दिया गया है ताकि दीर्घावधि में विकास की उच्च दर को पाया जा सके। हमने ढांचागत संरचना क्षेत्र के हार्ड असेट के निर्माण पर जोर दिया है तो साफ्ट असेट को भी लक्ष्य बनाया है।