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अचार और मसालेदार खाना बन सकता है पेट के कैंसर का कारण

भारतीय भोजन की थाली में अचार और चटनी जैसी तेल मसालेदार और तीखी चीजें शामिल होती हैं। अचार और चटनी खाने के स्वाद को तो बढ़ा देते हैं लेकिन ज्यादा तीखा खाने से पेट और मसालेदार खाना खाने से पेट के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। तीखा मसालेदार खाना खाने से पेट में जलन, गैस, एसिडिटी और पेट में अल्सर की समस्या भी हो सकती है। डॉक्टर ने बताया आपको किन चीजों के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए।
कौन से खाद्य पदार्थ पेट के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं?
मसालेदार खाना और अचार- मसाले भारतीय खाने का अहम हिस्सा हैं और इनके काफी फायदे भी हैं। लेकिन ज्यादा मसाले खाने से पेट खराब हो सकता है। मसालेगारा खाना स्वादिष्ट तो लगता है लेकिन इसे खाने के बाद पेट में जलन हो सकती है और समय के साथ यह जलन बढ़ सकती है और पेट की सामान्य कोशिकाओं को बदल सकती है। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अचार में नमक और तेल की मात्रा ज्यादा होती है। इससे पेट में एसिड संतुलन बिगड़ सकता है और पेट को सुरक्षित रखने वाली म्यूकस लेकर खराब होती है। जिससे पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा नमक- अगर आप खाने में ज्यादा नमक का सेवन करते हैं तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा नमक खाने से पेट की परत कमजोर हो सकती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इससे पेट में अल्सर और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है। क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी रिव्यूज की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि जिन लोगों में एच पाइलोरी संक्रमण का स्तर अधिक होता है, उनमें पेट के कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
धुएं में पका और भुना हुआ खाना- तंदूरी चिकन या ग्रिल्ड मछली पसंद करते हैं तो इन्हें पकाने का तरीका बदलने के बारे में सोच लें। क्योंकि खाना पकाने में स्मोकिंग और चारिंग जैसा प्रोसेस खाने के स्वाद को तो बढ़ा देता है लेकिन इससे पीएएच नामक हानिकारक पदार्थ उत्पन्न हो सकते हैं। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के शोध से पता चलता है कि स्मोक्ड या चार्ड खाद्य पदार्थों के सेवन और कैंसर विशेष रूप से पाचन तंत्र के कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध है।
तंबाकू और शराब का सेवन- ये बात हम सभी जानते हैं कि तंबाकू और शराब सेहत के लिए हानिकारक हैं। इससे पेट के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। स्मोकिंग करने से पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थ पहुंचते हैं, जो पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और एच पाइलोरी जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ा सकते हैं। वहीं शराब रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है। सामान्य लोगों के मुकाबले ऐसे लोगों को में पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
फलों और सब्जियों से दूर रहना- अगर आप फल और सब्जियों से दूर रहते हैं तो पेट के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। फल और सब्जियां एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो हमारी कोशिकाओं को क्षति और सूजन से बचाने में मदद करती हैं, जिससे कैंसर हो सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो बेरी, खट्टे फल, टमाटर और पत्तेदार सब्जियां विटामिन सी और ई के अच्छे स्रोत हैं। ये विटामिन आॅक्सीडेटिव क्षति को कम करने में मदद करते हैं और कैंसर का खतरा कम करते हैं।

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