मथुरा

मथुरा हादसे की जांच 6 सदस्यीय टीम करेगी:48 घंटे में रिपोर्ट देगी

मथुरा । मथुरा में मंगलवार सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। वहीं, 98 लोग घायल हो गए। हादसे की जांच के लिए मथुरा जिला प्रशासन ने छह सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम घटना का मुख्य कारण क्या रहा, कैसे वाहनों में आग लगी है, इसकी जांच करेगी। समिति 48 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट डीएम चंद्रप्रकाश सिंह को सौंपेगी।
जांच समिति की अगुआई एडीएम प्रशासन अमरेश कुमार कर रहे हैं। टीम में एसपी देहात सुरेश चंद्र रावत, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अजय सिंह और एआरटीओ प्रवर्तन राजेश राजपूत को शामिल किया गया है। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक राजेंद्र सिंह भाटी और जेपी इंफ्रा लिमिटेड के महाप्रबंधक (आॅपरेशन) आनंद सिंह को भी शामिल किया गया है।
जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या कार की पेट्रोल टंकी फटने से आग लगी या फिर एसी बसों के कंप्रेसर फटने से बसें जलने लगीं। फिलहाल यह जांच का विषय है। टीम जांच करके 48 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।
हादसे की जांच के लिए बुधवार यानी आज मानेसर के इंस्टीट्यूट आॅफ रोड सेफ्टी की टीम के एक्सपर्ट मथुरा पहुंचेगी। पूरी घटना का सीन दोहराया जाएगा। दो दिन की जांच इसकी विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी।
एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हादसे की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। क्रैश इन्वेस्टिगेशन टीम से रिपोर्ट मांगी गई है। टीम के सदस्य घटनास्थल की पूरी जांच करेंगे। इसके अलावा इंस्टीट्यूट आॅफ रोड सेफ्टी की टीम को बुलाया गया। टीम के सदस्य बुधवार और बृहस्पतिवार को जांच करेंगे। इस संबंध में मथुरा के एसएसपी को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
जांच टीम यह भी देखेगी कि हादसे के वक्त बसों में कौन-सी तकनीकी खामियां थीं, जिनकी वजह से यात्रियों को बचने का मौका नहीं मिल सका। आपातकालीन खिड़कियां और अन्य सुरक्षा इंतजाम सही स्थिति में थे या नहीं, इसकी भी पड़ताल होगी।
एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इससे पहले जयपुर में हुए एक बड़े हादसे में 39 बसें आपस में टकरा गई थीं। उस दौरान आपातकालीन खिड़कियां खराब होने के कारण लोग बसों से बाहर नहीं निकल पाए थे। मथुरा हादसे की जांच में भी इन्हीं बिंदुओं को विशेष रूप से देखा जाएगा।

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