अमित शाह ने सभापति को सौंपी ‘वंदे मातरम’ का अपमान करने वाले दलों की सूची, जानें किन दलों के हैं नाम

मुंबई । गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन को एक औपचारिक पत्र भेजकर भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के सम्मान में ‘अस्वीकार्य आचरण’ से जुड़े मामलों की जानकारी साझा की है। यह प्रस्ताव राज्यसभा में गाने की रचना की 150वीं वर्षगांठ पर हुई चर्चा के बाद पेश किया गया।
इस दौरान अमित शाह ने ऐसी घटनाओं का जिक्र किया था, जिसके बाद सांसद जयराम रमेश ने सदन की मेज पर विश्वसनीय जानकारी रखने का अनुरोध किया था। गृह मंत्री ने यह प्रस्ताव आज ही पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने अनुरोध किया है कि इन तथ्यों को उच्च सदन के आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल किया जाए।
सौंपे गए रिकॉर्ड में 2018 से 2025 के बीच की नौ विशिष्ट घटनाओं का जिक्र है, जिनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंसऔर राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े कुछ नेताओं के मामले शामिल हैं। इन घटनाओं को राष्ट्रीय गीत के प्रति ‘अस्वीकार्य आचरण’ की श्रेणी में रखा गया है।
मुख्य घटनाएं इस प्रकार हैं:
दिसंबर 2025 में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद मेहदी ने ‘वंदे मातरम’ गाने से इनकार किया, जिसमें मसूद ने धार्मिक कारणों का हवाला दिया था।
2019 में सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने लोकसभा में शपथ के समय ‘वंदे मातरम’ न गाने की बात कही थी। 2025 में उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क ने भी इस रुख का समर्थन किया।
2019 में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी धार्मिक कारणों से गीत गाने से इनकार किया था।
2018 में एक कांग्रेस रैली में कथित रूप से गीत को बीच में ही रोक दिया गया और बताया जाता है कि केसी वेणुगोपाल ने इसे एक पंक्ति में समाप्त करने के निर्देश दिए।
2022 में कर्नाटक में संविधान दिवस कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कार्यकतार्ओं से वंदे मातरम न गाने के लिए कहा था।
2025 में समाजवादी पार्टी ने स्कूलों में गीत को अनिवार्य बनाए जाने वाले आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
2025 में राजद विधायक सऊद आलम ने बिहार विधानसभा में ‘वंदे मातरम’ के लिए खड़े होने से इनकार किया था।




