ब्रेजा ट्रैक्टर में घुसी…बैंक मैनेजर समेत 3 दोस्तों की मौत:बांके बिहारी के दर्शन करने जा रहे थे

मथुरा । मथुरा में तेज रफ्तार ब्रेजा कार ट्रैक्टर में घुस गई। हादसे में 3 दोस्तों की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। सभी शाहजहांपुर से बांके बिहारी के दर्शन करने वृंदावन जा रहे थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से पिचक गया। आगे बैठे दोनों युवकों का शव सीट से चिपक गए।
करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस शवों को कार का शीशा तोड़कर निकाल पाई। इसके बाद उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वहीं, घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद ट्रैक्टर ड्राइवर मौके से भाग गया। हादसा बरेली-मथुरा हाईवे पर थाना राया क्षेत्र में सोमवार तड़के 3 बजे हुआ।
शाहजहांपुर में रहने वाले 4 दोस्त सौरव वर्मा ( 33), निकुंज गुप्ता (27), राजन गुप्ता (31) और राजा भारद्वाज (28) ब्रेजा कार से वृंदावन जा रहे थे। कार जैसे ही थाना राया क्षेत्र में पहुंची, आगे चल रहे ट्रैक्टर में घुस गई। हादसे में सौरभ, निकुंज और राजन की मौत हो गई, जबकि राजा की हालत गंभीर है। उसे आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। राजा भारद्वाज ज्वैलरी शॉप पर काम करता है। उसकी करीब डेढ़ साल पहले शादी हुई है।
पुलिस के मुताबिक, हादसे के वक्त ब्रेजा कार की स्पीड 100 से 120 किलोमीटर के बीच थी। ड्राइवर आगे चल रहे ट्रैक्टर की स्पीड का अंदाजा नहीं लगा पाया और कार उसमें घुस गई। कार के आगे का हिस्सा बीच की सीट में घुस गया। इससे आगे बैठे दोनों युवक उसमें फंस गए। इस बीच ड्राइवर ट्रैक्टर लेकर मौके से भाग गया।
निकुंज गुप्ता जलालाबाद थाना क्षेत्र के मोहल्ला गोपालनगर का रहने वाला था। वह आगरा में प्राइवेट बैंक में मैनेजर था। निकुंज तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। 5 दिन पहले ही घर आया था।
सौरव गुप्ता और राजन गुप्ता मोहल्ला सराय के रहने वाले थे। सौरव अपने ही मोहल्ले में जनसेवा केंद्र चलाता था। दो भाई-दो बहनों में वह तीसरे नंबर पर था। जिस ब्रेजा कार से हादसा हुआ, वो सौरव की थी। उसने 4 महीने पहले ही सेकेंड हैंड ली थी।
पुलिस ने चारों की पहचान करने के बाद उनके परिवारवालों को सूचना दी। इसके बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घरवाले मथुरा रवाना हो गए हैं। उनके आने के बाद शवों का पोस्टमॉर्टम का होगा। हादसे के बाद से उनके घर सांत्वना देने वाली के लिए लोग पहुंचने लगे हैं। घरवालों का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम ही था, उनके बेटों की जान चली जाएगी। वर्ना उन्हें नहीं भेजते।




