बीएलए का पाक फ्रंटियर कोर पर हमला: पहली बार धमाके में महिला फिदायीन का इस्तेमाल

बलूचिस्तान । बलूचिस्तान के चगाई में फ्रंटियर कोर के एक सुरक्षित परिसर पर रविवार शाम को बलूच लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने हमला किया। यह परिसर चीन के कॉपर और गोल्ड माइनिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है। इस हमले में छह पाकिस्तानी जवानों की मौत हुई। हमले की खास बात यह है कि बीएलएफ ने दावा किया है कि यह पहली बार कि जब उसने किसी भी हमले में महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया। हमलावर का नाम जरीना रफीक, जिसे ट्रांग महू भी कहा जाता है। जरीना ने सुरक्षा गेट पर खुद को विस्फोट से उड़ा दिया ताकि अन्य बीएलएफ के लड़ाके मुख्य परिसर में घुस सकें।
मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले से बीएलएफ की रणनीति बदल गई है। अब वे सीधे महत्वपूर्ण और विदेशी निवेश वाले प्रोजेक्ट्स को निशाना बना रहे हैं। यह परिसर साइंडक और रेको दीक प्रोजेक्ट्स से जुड़ा हुआ है, जिनमें चीनी कंपनियों और एक कनाडाई कंपनी का भी काम है। इस हमले को लेकर बीएलएफ ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि यह आॅपरेशन उनके ह्यआत्मसमर्पणह्ण यूनिट, साद्दो आॅपरेशनल बटालियन (एसओबी) के जरिए किया गया, जो शहीद कमांडर वाजा सादो के नाम पर है।
इतना ही नहीं इसी दौरान बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने भी कई जगहों पर हमले किए। 28-29 नवंबर के बीच उनके हमलों में 27 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए। इस बात को लेकर बीएलए ने कहा कि उन्होंने मोेटरवे और हथियारों पर कब्जा भी कर लिया।
बता दें कि बीएलए के हमलों में ग्वादर के पास्नी इलाके में पाकिस्तानी सेना के कोस्ट गार्ड कैंप पर ग्रेनेड लॉन्चर से हमला किया गया। इसी तरह ग्वादर के जीवानी इलाके में सेना के खुफिया कर्मियों को रिमोट कंट्रोल एलईडी से निशाना बनाया गया। मस्तुंग शहर में एक पाकिस्तानी मेजर के घर पर भी हमला किया गया।
इसके अलावा क्वेटा के रक्षा प्रतिष्ठानों में छह धमाके हुए। राज्य सुरक्षा बल और बम निष्क्रिय टीम जब हमलों की जगहों की ओर बढ़े, उन्हें भी निशाना बनाया गया और इसमें भी कई घायल और मारे गए। ऐसे में इन हमलों से स्पष्ट होता है कि बलूच अलगाववादी संगठन अब ज्यादा संगठित और जानलेवा तरीके से उच्च मूल्य वाले लक्ष्य पर हमला कर रहे हैं, जो क्षेत्र में सुरक्षा और निवेश दोनों के लिए चिंता का विषय है।




