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सीएम की कुर्सी के लिए रस्साकशी जारी! भाजपा बोली- नहीं संभल रहा तो सिद्धारमैया इस्तीफा देकर चुनाव कराएं

बंगलूरू। कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष ने राज्य की राजनीति को एक बार फिर गर्मा दिया है। भाजपा ने इस खींचतान को जनता के खिलाफ बताया है और आरोप लगाया है कि सरकार आंतरिक विवादों में उलझी है, जबकि किसान पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं। भाजपा ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार इस संकट को संभाल नहीं पा रही है, तो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस्तीफा देकर तुरंत चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
बंगलूरू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच की तनातनी राज्य प्रशासन को प्रभावित कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता संघर्ष की वजह से किसानों की समस्याओं का समाधान रुका पड़ा है और सरकार दिशा विहीन हो चुकी है। विजयेंद्र ने कहा कि यदि कांग्रेस नेतृत्व यह तय नहीं कर पा रहा कि राज्य का नेतृत्व कौन करेगा, तो जनता को नए सिरे से फैसला करने का मौका दिया जाना चाहिए।
विजयेंद्र ने कहा कि 8 दिसंबर से बेलगावी में शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस को स्पष्ट जवाब लेकर आना चाहिए कि राज्य का नेतृत्व कौन करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत और मुआवजा देने का वादा अब तक अधूरा है। भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि यदि कांग्रेस नेताओं का अधिक समय दिल्ली में ही बीत रहा है, तो विधानसभा सत्र भी वहीं बुला लेना चाहिए। उनका आरोप है कि मंत्री और विधायक पिछले एक महीने से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं, जबकि राज्य में किसान संकट और प्रशासनिक अव्यवस्था बनी हुई है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के चलते कानून व्यवस्था कमजोर हो गई है और प्रशासन लगभग ठप पड़ गया है। विजयेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार दोनों दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने की कोशिश में हैं, जबकि राज्य की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष या मीडिया पर आरोप लगाने के बजाय सरकार को अपने भीतर की समस्याएं दूर करनी चाहिए और प्रशासन को पटरी पर लाना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जो पांच दशक से अधिक का राजनीतिक अनुभव रखते हैं, इस पूरे मामले में असहाय दिख रहे हैं। विजयेंद्र के अनुसार, कांग्रेस में अंतिम फैसला राहुल गांधी लेते हैं, और इसलिए राज्य के नेतृत्व को लेकर भी वही निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आंतरिक राजनीति ने पूरे राज्य प्रशासन को प्रभावित कर दिया है और इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है, जो पिछले एक महीने से हड़ताल पर हैं।
विजयेंद्र ने कहा कि भाजपा को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सिद्धारमैया पद पर बने रहते हैं या उन्हें बदला जाता है। पार्टी का एकमात्र उद्देश्य राज्य की स्थिति में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का ध्यान अपने आंतरिक विवादों पर अधिक है। भाजपा नेता ने दोहराया कि यदि सरकार हालात संभालने में असमर्थ है, तो उसे तुरंत इस्तीफा देकर नए चुनाव कराने चाहिए ताकि जनता एक स्थिर सरकार चुन सके।

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