शिक्षा

एससी विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप के नए नियम जारी, छात्रवृत्ति में संस्थागत जवाबदेही सख्त

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए शीर्ष श्रेणी छात्रवृत्ति योजना के लिए अद्यतन दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें वित्तीय सहायता का विस्तार किया गया है और संस्थागत जवाबदेही को कड़ा किया गया है।
इस योजना का उद्देश्य भारत के प्रमुख संस्थानों में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पूर्ण ट्यूशन फीस को कवर करने और शैक्षणिक भत्ते प्रदान करके गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है।
संशोधित वित्तीय मानदंडों के तहत, केंद्र डीबीटी के माध्यम से छात्रों को पूरी ट्यूशन फीस और गैर-वापसी योग्य शुल्क सीधे हस्तांतरित करेगा, जो निजी संस्थानों के लिए प्रति वर्ष 2 लाख रुपये तक सीमित है।
छात्रों को पहले वर्ष में 86,000 रुपये और बाद के वर्षों में 41,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता भी मिलेगा, जिससे उन्हें रहने-खाने, किताबें और लैपटॉप खरीदने में मदद मिलेगी। लाभार्थियों को अन्य केंद्रीय या राज्य योजनाओं के तहत इसी तरह की छात्रवृत्ति प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा।
यह छात्रवृत्ति 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलेगी, जो आईआईटी, आईआईएम, एम्स, एनआईटी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, निफ्ट, एनआईडी, आईएचएम और अन्य मान्यता प्राप्त कॉलेजों सहित अधिसूचित संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करते हैं। केवल नए प्रवेश लेने वाले प्रथम वर्ष के छात्र ही नई छात्रवृत्ति के लिए योग्य होंगे। नवीनीकरण यानी रिन्यूअल छात्रवृत्ति, छात्र के अच्छे प्रदर्शन के आधार पर पूरे कोर्स के लिए जारी रहेगी।
मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए योजना की कुल 21,500 स्लॉट की सीमा में से 2024-25 के लिए कुल छात्रवृत्ति को 4,400 नए स्लॉट तक सीमित कर दिया है।
आवंटित स्लॉट में से 30% पात्र अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए आरक्षित होंगे, तथा यदि पर्याप्त संख्या में महिला अभ्यर्थी उपलब्ध न हों तो संस्थानों को अप्रयुक्त छात्राओं के स्लॉट को लड़कों से भरने के लिए अधिकृत किया जाएगा।
संस्थाओं को जाति और आय प्रमाण-पत्रों का सत्यापन करने, अपने विवरण-पत्र में योजना का प्रचार करने, तथा ब्रिज कोर्स या मार्गदर्शन के माध्यम से कमजोर छात्रों को सहायता देने सहित शैक्षणिक प्रदर्शन की निगरानी करने का कार्य सौंपा गया है।
दिशानिदेर्शों का उल्लंघन करने वालों को अधिसूचना रद्द किए जाने का खतरा है, हालांकि मौजूदा लाभार्थियों को तब तक धन मिलता रहेगा जब तक वे अपना पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर लेते।

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