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धर्मेंद्र ने गुस्से में चलाई गोली, अमिताभ बाल-बाल बचे:फ्लर्ट करने पर तनुजा ने थप्पड़ मारा

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया। वो 89 साल के थे। उन्होंने 6 दशकों के अभिनय करियर में 300 से ज्यादा फिल्में कीं। शोले उनके करियर की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक रही। हालांकि शुरूआत में धर्मेंद्र फिल्म में वीरू नहीं बल्कि गब्बर बनने पर अड़े रहे। तब डायरेक्टर ने ये कहकर मनाया कि अगर वो वीरू बनेंगे तो उन्हें हेमा मालिनी के साथ ज्यादा सीन करने को मिलेंगे। हेमा के करीब जाने की बात सुनते ही वो वीरू के रोल के लिए मान गए।
शूटिंग के दौरान हेमा के साथ बार-बार रोमांटिक सीन करने को मिलें, इसलिए धर्मेंद्र ने स्पॉटबॉय को बार-बार कट बोलने के लिए कहा था। इसके लिए स्पॉटबॉय को रिश्वत भी दी थी।
1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले में धर्मेंद्र वीरू बने थे और अमिताभ जय, लेकिन क्लाइमैक्स की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र के हाथों मरने से बाल-बाल बचे थे। दरअसल, डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने क्लाइमैक्स सीन रियल दिखाने के लिए शूटिंग में बंदूक में असली गोलियों का इस्तेमाल किया। धर्मेंद्र को क्लाइमैक्स सीन में गोलियां और बारूद इकट्ठा कर बंदूक चलानी थी।
जैसे ही एक्शन बोला जाता तो धर्मेंद्र के हाथों से बार-बार गोलियां गिर रही थीं। दो-तीन बार सीन खराब हुआ। बार-बार रीटेक करने से धर्मेंद्र इतना गुस्से में आ गए कि उन्होंने असली गोलियां बंदूक में लगाईं और बंदूक चला दी।
इस सीन में अमिताभ बच्चन पहाड़ों में ऊपर की तरफ खड़े थे, गोली उनके कान के पास से होकर गुजरी और वो बाल-बाल बच गए। ये किस्सा अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति में सुनाया था।
फिल्म सीता-गीता बनाते हुए ही रमेश सिप्पी ने धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और संजीव कुमार के साथ शोले बनाने का मन बना लिया था। इस फिल्म के दूसरे हीरो के रूप में रमेश सिप्पी को एक ऐसे एक्टर की तलाश थी, जो ज्यादा पॉपुलर न हो। तब धर्मेंद्र ने ही अमिताभ का नाम सुझाया था।
धर्मेंद्र इस फिल्म में वीरू की जगह ठाकुर का रोल निभाने पर अड़े हुए थे, लेकिन इस रोल के लिए संजीव कुमार को कास्ट कर चुके रमेश सिप्पी कास्ट बदलने के पक्ष में नहीं थे।
जब धर्मेंद्र ने जिद नहीं छोड़ी तो रमेश ने उन्हें समझाया कि अगर वो ठाकुर बने तो उन्हें हेमा के साथ कम सीन मिलेंगे, लेकिन अगर वीरू बने तो उन्हें बसंती बनीं हेमा के साथ रोमांस करने का मौका मिलेगा। इस बात को सुनकर धर्मेंद्र मान गए। रमेश सिप्पी ने स्क्रीन को दिए इंटरव्यू में ये किस्सा सुनाया था।
धर्मेंद्र, हेमा को इस कदर पसंद करते थे कि शोले की शूटिंग के दौरान जब वो बसंती को गन चलाना सिखा रहे थे तब उन्होंने स्पॉटबॉय को कहा था कि बार-बार रीटेक लेना। इसके लिए उन्होंने स्पॉटबॉय को 2 हजार रुपए भी दिए थे। ताकि उन्हें हेमा के साथ ज्यादा वक्त मिल सके। स्पॉटबॉय ने भी रिश्वत लेकर बार-बार सीन दोहराने में धर्मेंद्र की मदद की और वो हेमा के नजदीक जाते रहे।
फिल्म चांद और सूरज में तनुजा, धर्मेंद्र की हीरोइन बनी थीं। तनुजा की धर्मेंद्र की पत्नी प्रकाश कौर और बच्चों से भी अच्छी पहचान थी। धर्मेंद्र फ्लर्ट करने में माहिर थे और अक्सर अपनी को-स्टार्स से मस्ती-मजाक में फ्लर्ट करते थे।
जैसे ही धर्मेंद्र ने तनुजा के साथ फ्लर्ट करना शुरू किया तो तनुजा इतना गुस्सा हुईं कि सरेआम उन्होंने धर्मेंद्र को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। साथ ही कहा- बेशर्म, मैं तुम्हारी पत्नी को जानती हूं और तुम्हारे बच्चे भी हैं, तुम मुझसे फ्लर्ट कर रहे हो।
तनुजा का गुस्सा देखकर धर्मेंद्र हैरान रह गए और कहा- ह्यतनुजा मेरी मां, मुझे माफ कर दे।ह्ण जब इतने में भी तनुजा का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो धर्मेंद्र ने तुरंत काला धागा निकाला और तनुजा से बंधवाकर सेट पर ही उन्हें अपनी बहन बना लिया।
साल 1971 में जब ऋषिकेश मुखर्जी फिल्म ह्यआनंदह्ण बनाने के बारे में सोच रहे थे तो सबसे पहले उन्होंने इसकी कहानी बैंगलोर से बॉम्बे फ्लाइट के दौरान धर्मेंद्र को सुनाई थी। धर्मेंद्र बड़े खुश हुए। उन्हें गलतफहमी हुई कि ऋषि दा शायद उन्हें ही फिल्म में लेंगे। कुछ दिनों बाद अखबार में खबर छपी कि फिल्म के हीरो राजेश खन्ना होंगे।
फिर क्या था धर्मेंद्र ने जमकर शराब पी और फिर देर रात ऋषि दा को कॉल कर कहा- ह्यआप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? ऋषि दा।ह्ण ऋषिकेश मुखर्जी उन्हें शांति से समझाते रहे और कहते रहे कि धरम हम सुबह बात करेंगे, लेकिन धर्मेंद्र लगातार अपनी बात दोहराए जा रहे थे। इस तरह उन्होंने रातभर ऋषि दा को परेशान किया। इसके बावजूद ऋषिकेश मुखर्जी और धर्मेंद्र की दोस्ती बरकरार रही।
एक बार ऋषिकेश मुखर्जी की तबीयत बहुत खराब थी और धर्मेंद्र उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। ऋषि दा उस समय आॅक्सीजन सपोर्ट पर थे। वो धर्मेंद्र को देखते ही बोले- धर्मेंद्र ये आॅक्सीजन पाइप निकाल दो और मुझे मुक्ति दे दो।
जाहिर है धर्मेंद्र ने ऐसा नहीं किया। बता दें कि धर्मेंद्र ने ऋषिकेश मुखर्जी के साथ यकीन, चुपके-चुपके, गुड्डी, अनुपमा, मंझली दीदी, प्रोफेसर प्यारेलाल, चैताली, प्यार ही प्यार और सत्यकाम जैसी फिल्मों में काम किया है।
एक समय धर्मेंद्र और हेमा के अफेयर की खबरें सुर्खियों में थीं। दो पत्रकार लगातार इनके अफेयर पर खबरें छाप रहे थे। धर्मेंद्र उन दोनों पत्रकारों से बेहद नाराज थे और सही मौके की तलाश में थे। साल 1978 में धर्मेंद्र बंगाल में तूफान पीड़ितों की मदद करने के लिए एक रैली में शामिल हुए। जैसे ही धर्मेंद्र की नजर भीड़ में खड़े उस पत्रकार पर पड़ी तो उन्होंने वहीं उसकी जमकर पिटाई कर दी।

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