बांके बिहारी का प्राकट्य उत्सव, 2 लाख भक्त पहुंचे

मथुरा। वृंदावन में आज भगवान बांके बिहारी जी का प्रकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। करीब 2-3 लाख लोग पहुंच चुके हैं। बांके बिहारी की प्रकट्य स्थली निधिवन में सुबह 4 बजे पंचामृत अभिषेक किया गया।
अभिषेक के दौरान मंदिर के गोस्वामी, संत और हजारों भक्त मौजूद रहे। इसके बाद निधिवन परिसर भजनझ्रकीर्तन से गूंज उठा। साधु संत लगातार प्रभु के स्वरूप और लीलाओं का गुणगान कर रहे हैं। स्वामी हरिदास जी महाराज चांदी के रथ पर सवार होकर श्री बांके बिहारी जी को बधाई देने पहुंचे। बांके बिहारी मंदिर से निधिवन तक शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में महिलाएं स्वामी हरिदास जी के आगे-आगे झाड़ू लेकर मार्ग को साफ करती रहीं। इस शोभायात्रा में महिलाओं ने रंगोलियां बनाईं, नृत्य करते हुए श्रद्धालु आगे बढ़ते रहे।
आज जिस बांके बिहारी मंदिर में दर्शन और उत्सव हो रहा है, यहां तक पहुंचने के पीछे भी एक कहानी है। मान्यता है कि प्राकट्य के बाद बांके बिहारी जी सात अलग-अलग स्थानों पर विराजमान हुए, जिसके बाद वर्तमान मंदिर में उनकी स्थायी स्थापना हुई। शाम तक इस कथा का पाठ और विशेष भजन संध्या आयोजित की जाएगी।
शोभायात्रा के बीच भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। रास्ते भर श्रद्धालु रंग-बिरंगी रंगोली बनाते आगे बढ़ रहे हैं। कोई फूलों से आकृतियां रच रहा है, तो कोई रंगों से भगवान बांके बिहारी के चरणों का स्वागत कर रहा है।
शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु भक्ति और उल्लास से सराबोर दिखाई दे रहे हैं। ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचतेझ्रगाते, जयकारों के साथ वे बांके बिहारी जी को प्राकट्य उत्सव की बधाई देते आगे बढ़ रहे। मार्ग भर फूलों की वर्षा, भजन मंडलियों की मधुर धुन और रंग-बिरंगी सजावट ने वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया है।
शोभायात्रा में भक्त उत्साह और श्रद्धा से डमरू बजा रहे थे। डमरू की हर थाप के साथ माहौल में भक्ति की कंपन गूंज रही थी। आगे बढ़ती शोभायात्रा में डमरू की मधुर ध्वनि और हरि-नाम के जयकारों ने पूरे वातावरण को दिव्यता से भर दिया।




