प्रेमिका के घरवालों की धमकी से डरे डॉक्टर का सुसाइड:आगरा में बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर जान दी

आगरा । आगरा में एक डेंटल डॉक्टर ने खुद को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर जान दे दी। डॉक्टर के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने गोरखपुर की एक युवती और उसके परिजनों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
युवती के साथ डॉ. पीयूष सिंह रिलेशनशिप में थे। इसकी जानकारी मिलने पर युवती के परिजनों ने धमकाना शुरू कर दिया था। महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर शिकायत कर दी। पुलिस के फोन आने के बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे। लड़की की 25 नवंबर को शादी है।
कमला नगर के एफ ब्लाक निवासी 75 वर्षीय महिपाल सिंह बिजली विभाग से जूनियर इंजीनियर के पद से रिटायर हैं। उन्होंने बताया- मेरे बेटे पीयूष सिंह ने कानपुर के महाराणा प्रताप मेडिकल कॉलेज से इऊर किया था। इसके बाद इंटर्नशिप करने लगा। एक क्लिनिक पर नौकरी भी करने जाता था। छह महीने पहले वह घर आया और परेशान रहने लगा। इस बारे में कई बार उससे पूछा, मगर कुछ नहीं बताया।
‘हाय, मेरा नाम पीयूष सिंह है और मैं सुसाइड कर रहा हूं। चार लोगों का नाम, मोबाइल नंबर, गोरखपुर के एड्रेस के साथ लिखा है। ये लोग ही मेरी सुसाइड का कारण हैं। इनका पूरा परिवार मुझे धमकी दे रहा है।
इनके पुलिस कनेक्शन के जरिए भी मुझे धमकी मिली है। गोरखपुर पुलिस से भी मुझे कॉल आई है। बाकी डिटेल्स मेरे फोन में है। आप मेरे मरने के बाद मेरा फोन चेक कर सकते हैं। मैं सुसाइड के लिए इंजेक्शन लगा रहा हूं, ताकि मुझे कोई बचा ना सके। आखिरी में पीयूष ने अपने मोबाइल का पासवर्ड भी लिखा है।’
छोटे भाई आयुष ने बताया, पीयूष की तीन साल पहले गोरखपुर की युवती से स्नैप चैट पर दोस्ती हुई थी। युवती उनसे मिलने लखनऊ आया करती थी। इस बारे में युवती के परिजन को पता चला तो वे भाई को धमकाने लगे।
25 नवंबर को युवती की शादी है, मगर इससे पहले ही उसके परिजन भाई को जेल भिजवाने की धमकी दे रहे थे। इससे वो डिप्रेशन में चले गए। उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी और घर पर रह रहे थे।
परिजनों ने बताया कि 15 दिन से उनके पास महिला हेल्पलाइन से कॉल आ रही थी। उन्हें डर था कि भाई को झूठे केस में फंसाया जा सकता है। इसलिए 17 नवंबर को थाना कमलानगर में शिकायती पत्र देकर आए थे, मगर पुलिस ने कुछ नहीं किया।
परिवार ने बताया कि शनिवार रात करीब 9 बजे पीयूष ने पिता के साथ खाना खाया। इसके बाद तीसरी मंजिल पर कमरे में सोने चले गए। रात करीब 11:30 बजे आयुष कमरे में पहुंचे तो पीयूष फर्श पर पड़े थे। शरीर ठंडा पड़ गया था।
पास ही एक इंजेक्शन और सिरिंज पड़ी थी। परिजन तुरंत अस्पताल ले गए, जहां से एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। कुछ देर बाद पीयूष की मौत हो गई। रात करीब दो बजे पुलिस पहुंची और शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पीयूष के कमरे से डायरी पर लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने युवती और उसके तीन परिजनों को जिम्मेदार ठहराया है। उनके नंबर भी लिखे हैं।




