एसआईआर विवाद पर माकपा ने अन्नाद्रमुक पर साधा निशाना; राशन दुकानों में गेहूं की कमी को लेकर बढ़ी सियासी जंग

नई दिल्ली । तमिलनाडु में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। माकपा के राज्य सचिव पी षणमुगम ने एसआईआर प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए अन्नाद्रमुक की आलोचना की। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि एआईएडीएमके को इसका सही सबक सिखाया जाए।
डीएमके नेतृत्व वाले सेक्युलर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस की ओर से 11 नवंबर को एसआईआर के खिलाफ प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले, माकपा नेता ने कहा कि एआईएडीएमके का यह रुख चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस पार्टी ने सीएए-एनआरसी जैसे नागरिकता छीनने वाले कानून का समर्थन किया, वही अब एसआईआर का भी साथ दे रही है। माकपा ने अपने बयान में कहा कि एआईएडीएमके लगातार जनविरोधी मुद्दों पर गलत पक्ष लेती रही है और जनता को इसे जवाब देना चाहिए।
इधर, अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पडी के पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के राशन दुकानों में गेहूं की कमी को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य के 12,573 उचित मूल्य दुकानों पर गेहूं उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि केंद्र सरकार ने 8,722 टन गेहूं आवंटित किया था, लेकिन स्टालिन मॉडल डीएमके सरकार ने इसे सही तरीके से वितरित नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब पहले से ही दाल और पाम आॅयल की कमी थी, तब भी सरकार ने लापरवाही दिखाई, जो उसकी पूरी तरह नाकामी दशार्ती है।
इस पर राज्य के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री आर सक्करपानी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार लगातार केंद्र से तमिलनाडु के लिए अधिक गेहूं आवंटित करने का अनुरोध कर रही है और 15 नवंबर तक आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
सक्करपानी ने बताया कि जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक केंद्र सरकार की ओर से मासिक आधार पर केवल 8,576 मीट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया था। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के आग्रह पर, अक्तूबर 2024 से फरवरी 2025 तक राज्य को गेहूं का आवंटन बढ़ाकर 17,100.38 मीट्रिक टन कर दिया गया।
मंत्री सक्करपानी ने कहा कि यह गेहूं उचित मूल्य दुकानों पर बिना किसी बाधा के आम जनता को वितरित किया जा रहा था, लेकिन अब केंद्र ने फिर से आवंटन को पुराने स्तर पर घटा दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले तीन महीनों में गेहूं की औसत खपत 92 फीसदी रही है और 8 नवंबर तक 63 फीसदी (5,386 मीट्रिक टन) गेहूं राशन दुकानों में भेजा जा चुका है। उन्होंने ने कहा कि हर महीने की 20 तारीख तक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी की जाती है, जो उपलब्धता और खपत पर निर्भर करती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 15 नवंबर तक 100 फीसदी गेहूं राशन दुकानों में पहुंचा दिया जाएगा और जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।



