अक्तूबर में विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार तेज, घरेलू मांग और नए आॅर्डरों से उत्पादन में आई मजबूती

नई दिल्ली । देश में विनिर्माण क्षेत्र में अक्तूबर में मजबूत विस्तार देखने को मिला। एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार परचेजिंग मैनजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में 57.7 से बढ़कर 59.2 हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार जीएसटी सुधार जीएसटी सुधार, उत्पादकता लाभ और प्रौद्योगिकी निवेश में वृद्धि से क्षेत्र की स्थिति में तीव्र वृद्धि को दशार्ता है।
पीएमआई के आंकड़े ने इस बात पर जोर दिया है कि घरेलू मांग मजबूत रहने के कारण अक्तूबर में विनिर्माण की स्थितियां मजबूत होती रहीं। नए आॅर्डरों में तेजी से वृद्धि ने उत्पादन और खरीद गतिविधि, दोनों को बढ़ावा दिया। हालांकि, बाहरी मांग की रफ्तार सुस्त रही। रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री पिछले दस महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़ी। इससे स्पष्ट है कि विकास का मुख्य आधार घरेलू बाजार ही रहा।
विनिमार्ताओं ने अक्तूबर में कच्चे माल और अर्ध-निर्मित वस्तुओं की खरीदारी तेज कर दी, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके और भंडार को मजबूत किया जा सके। खरीदारी का स्तर मई 2023 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ा है। यह निमार्ताओं के बीच भविष्य की मांग को लेकर भरोसे को दशार्ता है।
मजबूत मांग के बावजूद, क्षमता पर दबाव कम रहा, और बकाया कारोबार की मात्रा में मामूली वृद्धि ही हुई। कंपनियों ने बताया कि बैकलॉग में मामूली वृद्धि का श्रेय उत्पादन में देरी के बजाय मांग में तेजी को दिया गया। आपूर्तिकर्ता काफी हद तक कुशलता से इनपुट भेजने में सक्षम रहे। इससे डिलीवरी के समय में मामूली कमी आई, जो पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा सुधार था।
मार्च 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से कच्चे माल और अर्ध-तैयार वस्तुओं की होल्डिंग दूसरी सबसे तेज दर से बढ़ी। यह केवल मई 2023 से पीछे है। तैयार माल की सूची में भी वृद्धि हुई। हालांकि मामूली रूप से, क्योंकि कई फर्मों ने मौजूदा भंडार से बिक्री पूरी की।
रिपोर्ट में आगे की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि निमार्ता भविष्य की वृद्धि को लेकर आशावादी बने हुए हैं। जीएसटी सुधार, क्षमता विस्तार और विपणन पहलों से लाभ की उम्मीदों से यह संभावना और मजबूत होती है। कंपनियों को मांग में लचीलापन आने की भी उम्मीद है और उनका अनुमान है कि लंबित अनुबंधों को मंजूरी मिल जाएगी, जिससे आने वाले महीनों में उत्पादन की गति को और बल मिलेगा।




