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‘नए बिहार के नए भविष्य’ का वादा करेगा एनडीए का घोषणा पत्र, अमित शाह रहेंगे उपस्थित

नई दिल्ली । भाजपा बिहार में अपने सभी गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलाजुला घोषणा पत्र जारी कर सकती है। इसमें अब तक नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के साथ-साथ आने वाले समय में किए जाने वाले कार्यों का एक ब्योरा शामिल हो सकता है। इसमें महिलाओं के कल्याणकारी योजनाओं, युवाओं के लिए सरकारी-प्राइवेट नौकरियों के साथ-साथ अति पिछड़े और दलित वर्गों के लिए कई वादे शामिल हो सकते हैं। इस घोषणा पत्र के जारी होने के समय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान सहित कई बड़े नेता उपस्थित रह सकते हैं। एनडीए का घोषणा पत्र जल्द ही जारी किया जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र को संकल्प पत्र का नाम देती है। उसका दावा होता है कि वह अपने द्वारा किए गए सभी कार्यों को पूरा करने का संकल्प लेकर चुनाव मैदान में उतरती है। ये संकल्प पत्र जनता से मिली सलाह के आधार पर तैयार किए जाते हैं। बिहार चुनाव के लिए भी पार्टी ने सुझाव लेने का अभियान शुरू किया था। दावा है कि इस अभियान के अंतर्गत पार्टी को लाखों सलाहें मिली हैं। इनमें उपयोगी सलाहों को घोषणा पत्र बनाने में उपयोग किया गया है।
बिहार की एनडीए सरकार ने राज्य में महिलाओं को दस-दस हजार रुपये की नकद आर्थिक सहायता देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का काम किया है। रोजगार सफल रहने पर इसके विस्तार हेतु दो लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना घोषणा पत्र में शामिल होगी। इसके अलावा विधवा महिलाओं को पेंशन, उच्च शिक्षा में आरक्षण देने के वादे को भी घोषणा पत्र में शामिल किया जा सकता है।
एनडीए सरकार ने बिहार में युवाओं को रोजगार देने, बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया है। किसानों के लिए विभिन्न इकाइयों के द्वारा अपने उत्पाद बेचने और नए बिजनेस क्लस्टर स्थापित कर निवेश-रोजगार को प्रोत्साहित करने का काम किया जा सकता है। गठबंधन बिहार में सुरक्षा और विकास का मजबूत वादा कर हर वर्ग के विकास का वादा कर सकता है। बिहार के अलग-अलग हिस्सों में मूलभूत ढांचे के विकास को लेकर नए वादे किए जा सकते हैं।
भाजपा प्रवक्ता अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने अमर उजाला से कहा कि महागठबंधन का घोषणा पत्र केवल एक छलावा है। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव को पता है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं, यही कारण है कि वे कुछ भी वादा कर जनता में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव चाहे लाख दावे करें, लेकिन जनता यह जानती है कि राजद के सत्ता में आने का अर्थ बिहार में एक बार फिर जंगलराज को अवसर देना होगा। यही कारण है कि जनता राजद महागठबंधन को कभी अवसर नहीं देगी। उन्होंने कहा कि इसके पहले कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन सरकार में सत्ता में आने के बाद उसने कोई वादा पूरा नहीं किया। यहां तक कि कांग्रेस की सरकारें अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रही हैं।
अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने कहा कि एनडीए-भाजपा का घोषणा पत्र संकल्प होता है जिसे हम हर हाल में पूरा करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर चलते हुए समाज के सबसे कमजोर तबकों का विकास करना और पूरे राज्य को विकास की पटरी पर दौड़ाना उनकी प्राथमिकता होता है। उन्होंने कहा कि एनडीए के विकास के प्रति इस समर्पण को देखते हुए बिहार की जनता एक बार फिर उन्हें समर्थन देगी और वे बिहार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।

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