निराश्रित एवं बेसहारा माताओं ने खुशी के दीपक जलाए: सुलभ इंटरनेशनल ने कार्यक्रम किया

मथुरा । सदियों पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए आश्रमों में रहने वाली सैकड़ों निराश्रित और बेसहारा माताओं ने बुधवार देर शाम वृंदावन के ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में खुशी के दीपक जलाए। माताओं के लिए विशेष रूप से आयोजित दिवाली समारोह में वह एक बार फिर शामिल हुईं। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य विधवा माताओं को समाज की मुख्यधारा में लाना था।
पीढ़ियों से भारत में अपने पति को खो चुकी माताओं को अशुभ माना जाता रहा है और पारंपरिक रूप से उन्हें त्योहारों और अन्य खुशी के अवसरों में भाग लेने से वंचित रखा जाता था। वृंदावन के विभिन्न आश्रय सदनों में रहने वाली लगभग सौ से अधिक माताएं ऐतिहासिक 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर में एकत्रित हुईं और रंग-बिरंगे दीये जलाकर दिवाली मनाई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुलभ इंटरनेशनल की कार्यकारी संयोजक नित्या पाठक ने कहा कि यह पवित्र भूमि राधा-कृष्ण की है, जहां प्रेम, भक्ति और करुणा एक साथ बहती हैं। जब हम दीप जलाते हैं, तो यह केवल पूजा का नहीं बल्कि समानता, आत्मसम्मान और आशा का प्रतीक होता है।
नित्या पाठक ने इस वर्ष की दीपावली की विशेषता बताते हुए कहा कि इस बार गोबर दीप का उपयोग किया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण, गौ-सेवा और ग्रामीण परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा डॉ. बिंदेश्वरी पाठक का सपना था कि दीपावली की रोशनी हर घर और हर हृदय में समान रूप से दिखे।
आज हमारी ये माताएं मुस्कुरा रही हैं, दीप जला रही हैं और आत्मसम्मान के साथ जीवन जी रही हैं, यही सच्ची दीपावली है। नित्या पाठक ने माताओं को विश्वास दिलाया कि सुलभ परिवार हर पर्व रक्षाबंधन, होली या दीपावली उनके साथ मिलकर मनाएगा।