मथुरा

लुटेरी दुल्हन की बेशर्मी, कस्टडी में मुस्कुराती रही:हाथ में मेहंदी, जींस-टीशर्ट पहने थी, कुंवारों को निशाना बनाती थी

मथुरा । लुटेरी दुल्हन काजल को हरियाणा के गुरुग्राम से बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। वह सरस्वती इन्क्लेव में छिपी हुई थी। कस्टडी में वह मुस्कुराती नजर आई। जींस और टीशर्ट पहने हुई थी। उसके हाथों में मेहंदी भी लगी थी।
काजल मथुरा के गोवर्धन की रहने वाली है। वह यूपी, हरियाणा, राजस्थान के कुंवारे लड़कों को अपने जाल में फंसाती थी। उनसे शादी करती थी, फिर रुपए और गहने लेकर फरार हो जाती थी। पुलिस काजल की 1 साल से तलाश कर रही थी। लेकिन, वह लगातार ठिकाने बदल-बदलकर चकमा दे रही थी।
फर्जी शादी मामले में ही काजल के पिता भगत सिंह, मां सरोज देवी, बहन तमन्ना और भाई सूरज को पुलिस पहले ही अरेस्ट कर चुकी है।
राजस्थान के सीकर जिले की पुलिस मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल और टेक्नोलॉजी की मदद से गुरुग्राम पहुंची। काजल गली नंबर दो में अंकित नाम के व्यक्ति के घर में किराए पर रहती थी। पुलिस ने दबिश देकर काजल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के सामने उसने कई राज उगले हैं।
शादी खर्च के नाम पर 11 लाख रुपए लिए: 26 नवंबर 2024 को सीकर जिले के दांतारामगढ़ थाने में ताराचंद जाट ने शिकायत दर्ज कराई। ताराचंद ने बताया कि उनकी मुलाकात जयपुर में भगत सिंह नाम के व्यक्ति से हुई थी। भगत सिंह ने ताराचंद को उनके दो बेटों, भंवर लाल और शंकर लाल की शादी के लिए अपनी बेटियों काजल और तमन्ना से रिश्ता तय करने का प्रस्ताव दिया। भगत सिंह ने शादी की तैयारियों के नाम पर ताराचंद से 11 लाख रुपए ले लिए।
गेस्ट हाउस में धूमधाम से शादी: यह राशि शादी के खर्च और अन्य तैयारियों के लिए बताई गई थी। ताराचंद ने भरोसा करके यह रकम दे दी। 21 मई, 2024 को खाचरियावास के गोविंद अस्पताल के गेस्ट हाउस में भगत सिंह अपनी पत्नी सरोज, बेटे सूरज और दोनों बेटियों काजल और तमन्ना के साथ पहुंचा। वहां ताराचंद के दोनों बेटों के साथ धूमधाम से शादी कर दी। शादी के बाद दो दिन तक भगत सिंह का परिवार ताराचंद के साथ रहा।
तीसरे दिन गहने, कपड़े और नकदी लेकर फरार: तीसरे दिन अचानक ये लोग बिना किसी को बताए दुल्हनों के गहने, नगदी और कपड़े लेकर गायब हो गए। ताराचंद और उनके परिवार के लिए यह एक बड़ा झटका था। उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि सामाजिक अपमान का भी सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सीकर जिले के दांतारामगढ़ थानाधिकारी जय सिंह बसेरा ने मामले की जांच शुरू की। जांच का जिम्मा सहायक उप निरीक्षक पूरणमल को सौंपा गया। पुलिस ने 18 दिसंबर 2024 को भगत सिंह और उनकी पत्नी सरोज को मथुरा के गोवर्धन से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि यह परिवार संगठित रूप से ठगी का धंधा चला रहा था।
उसने पिछले एक साल में कई बार अपने ठिकाने बदले और पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही। वह कभी एक शहर तो कभी दूसरे शहर में छिपती रही, जिससे पुलिस के लिए उसे पकड़ना चुनौती बन गया। लेकिन, पुलिस तकनीकी सहायता के जरिए उसकी लोकेशन ट्रैक करने में लगी रही।
इसके बाद पुलिस ने तमन्ना और सूरज को भी हिरासत में ले लिया। लेकिन, काजल अब भी फरार थी। वह जयपुर और मथुरा में कुछ दिन रही। इसके बाद वह गुरुग्राम आ गई और यहां सरस्वती इन्क्लेव में रहने लगी।
पुलिस को सूचना मिली कि काजल सेक्टर 37 थाना इलाके में रह रही है। इस जानकारी के आधार पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने तकनीकी निगरानी और स्थानीय पुलिस के सहयोग से काजल की लोकेशन का पता लगाया। गुरुग्राम पुलिस के साथ मिलकर सीकर पुलिस ने गली नंबर दो में अंकित के मकान में छापा मारा। पुलिस उसे सीकर ले गई और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया।

सुनियोजित नेटवर्क बनाया: पुलिस पूछताछ में काजल ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि उसके पिता भगत सिंह ने ठगी का एक सुनियोजित नेटवर्क बनाया था। अपनी दोनों लड़कियों को कुंवारा बताकर रिश्ता तलाशने का ढोंग किया जाता। लोगों को भरोसा ऐसे परिवार तलाश किए जाते, जहां युवकों की शादी नहीं हो रही और उनके पास धन की कमी नहीं होती।
तीन राज्यों में फैलाया जाल: यह गिरोह राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में भी सक्रिय था। काजल और तमन्ना को इस धंधे में मुख्य भूमिका दी गई थी, क्योंकि उनकी शादी के जरिए लोगों का भरोसा जीता जाता था। शादी के दो तीन दिन तो रस्मों रिवाज में निकाल देती थी। इस दौरान वे पति के साथ संबंध भी नहीं बनाती थी।
पुलिस को कई मामले खुलने की उम्मीद: जांच अधिकारी पूरणमल ने बताया कि पुलिस को अंदेशा है कि इस गिरोह ने कई अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगा होगा। काजल से पूछताछ में और भी मामलों के खुलासे होने की संभावना है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सहयोगियों और उनके नेटवर्क की तलाश कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह ने कितने लोगों को ठगा और कितनी राशि हड़पी।

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