आगरा

बच्ची से गैंगरेप-हत्या के 2 आरोपियों को फांसी की सजा: 18 महीने बाद आया फैसला

आगरा। आगरा में 6 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या के 2 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई। पॉक्सो कोर्ट में 18 महीने की सुनवाई में 18 गवाहों की गवाही हुई। इसके बाद कोर्ट ने अपराध को जघन्य और घृणित माना। बुधवार को मासूम के रिश्ते के चाचा और उसके दोस्त को दोषी ठहराया। गुरुवार को दोनों को फांसी की सजा सुनाई। फैसला सुनते ही दोषी कोर्ट में रोते हुए माफी मांगने लगे।
डेढ़ साल पहले रिश्ते के चाचा और उसके दोस्त ने घर के बाहर खेल रही बच्ची का अपहरण किया था। इसके बाद परिवार से 6 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। गैंगरेप करके मासूम की निर्मम हत्या कर दी थी। मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने सजा सुनाई है। वहीं आरोपियों को फांसी की सजा होने पर कोर्ट के बाहर मौजूद बच्ची की मां रोने लगी।
18 मार्च 2024 को बाह थाना क्षेत्र के एक गांव में घर के बाहर खेल रही बच्ची को उसके रिश्ते के चाचा अमित और उसका साथी निखिल बहला कर बाइक पर ले गया। दोनों ने उसके साथ गैंगरेप और कुकर्म किया था।
इस कदर दरिंदगी की थी कि उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। दोनों ने हत्या करके शव को कहीं छिपा दिया था। इसके बाद घर वाले बच्ची की तलाश करते। लेकिन बच्ची का कहीं पता नहीं चला।
इसके बाद आरोपियों ने मामले को दूसरी दिशा देने की कोशिश की। 19 मार्च को बच्ची के पिता को कॉल कर 6 लाख की फिरौती मांगी। इसके बाद पिता ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने रिश्ते के चाचा अमित और उसके साथी निखिल को 20 मार्च को गिरफ्तार किया। आरोपितों की निशानदेही पर शव को बरामद किया। शव की बहुत ही खराब हालत थी।
लड़की का शव देखकर गांव के लोगों के साथ पुलिसकर्मी भी सहम गए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगेरेप और कुकर्म दोनों की पुष्टि हुई थी। शरीर के हर हिस्से पर चोट के निशान थे। पुलिस ने मजबूत साक्ष्यों के साथ महीने के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने तत्काल मुकदमे की सुनवाई शुरू कर दी थी।
एडीजीसी सुभाष गिरी ने मामले में 18 गवाहों के बयान कराए, साक्ष्यों के साथ मजबूत तर्क दिए। इसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इसके बाद आरोपी कोर्ट में ही रोने लगे। उनकी यह हालत देख लड़की के परिवार वालों ने कोर्ट में आभार जताया।
सुभाष गिरी ने बताया- जज सोनिका चौधरी ने 2024 में भी 15 अक्टूबर को एक दुष्कर्मी को फांसी की सजा सुनाई थी। इस वर्ष भी 15 अक्टूबर को उन्होंने आरोपियों को दोषी माना और आज फैसला सुनाया है।

Related Articles

Back to top button