जूता कारोबारी से मांगी 5 करोड़ रंगदारी: पुलिस ने फिल्मी अंदाज में रेड डालकर पकड़ा

आगरा । आगरा के बड़े जूता कारोबारी पूरन डावर को धमकी भरा खत मिला। कळ रेड से बचाने के एवज में उनसे 5 करोड़ रुपए मांगे गए। 3 पन्ने के लेटर को प्रार्थना पत्र की तरह लिखा गया है। बेहद शालीन भाषा में उन्हें समझाया गया है कि उनकी एक फाइल कळ विभाग में है।
उनकी कंपनी पर आईटी विभाग की टीम रेड डालने वाली थी, लेकिन पत्र लिखने वाले ने उसे रुकवा दिया है। अगर वह रेड से बचना चाहते हैं तो उन्हें पैसे देने होंगे। इसके बाद उसने बताया कि पैसा गत्ते में एक चाय की दुकान पर देना है। वहां एक लिफाफे में कोड भी देना है। दरअसल, लेटर में एक कोड भी लिखा है।
लेटर के लास्ट में कारोबारी को धमकी दी कि अगर कोई भी चालाकी दिखाई, तो सबकुछ खत्म हो जाएगा, एक मिनट का समय नहीं लगेगा। लेटर करीब 10 दिन पहले भेजा गया था। पैसे देने के लिए 12 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। कारोबारी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी है।
12 अक्टूबर को तय समय और जगह पर गत्ता भिजवाया गया। कुछ देर बाद दो युवक वहां पहुंचे और गत्ता लेने लगे। पुलिस ने मौके से दोनों को दबोच लिया है। वहीं चाय वाले को भी पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 13 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पकड़े गए युवक पहले डावर की फैक्ट्री में काम कर चुके हैं। पुलिस को शक है कि इनका साथ कोई और भी दे रहा है।
फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग परिषद के अध्यक्ष पूरन डावर के भरतपुर हाउस स्थित आवास पर 10 दिन पहले एक हाथ से लिखा खत आया। खत कारोबारी के बेटे संभव डावर के नाम से संबोधित था। तीन पेज के इस पत्र में लिखा था कि अगर 5 करोड़ रुपए नहीं दिए, तो आयकर विभाग को सभी संपत्तियों, एनजीओ, और कब्जों की जानकारी लीक कर दी जाएगी।
साथ ही कुछ फर्जी दस्तावेज भी लगाए गए थे। पत्र के साथ एक कोड वाली पर्ची थी। लिखा था कि 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक गत्ते में रकम रखकर गुरु का ताल फ्लाईओवर के नीचे एक चाय वाले को देनी है। पर्ची भी उसी को थमा देनी है।
पूरन डावर ने पूरी जानकारी पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर सिकंदरा प्रदीप त्रिपाठी को जिम्मा सौंपा गया। पुलिस ने मौके पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए, सादे कपड़ों में पुलिस वाले चाय की दुकान के पास तैनात कर दिए।
डावर की तरफ से किताबों से भरा गत्ता मौके पर भिजवाया गया। जैसे ही एक व्यक्ति ने चाय वाले को पर्ची दी और गत्ता थमाया तो पुलिस सतर्क हो गई।
कुछ देर बाद दो युवक वहां मंडराने लगे और चाय वाले से गत्ता लेने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि दोनों पहले पूरन डावर की शू फैक्ट्री में कर्मचारी रह चुके हैं। एक चाय वाला भी गिरफ्त में आया है।
पुलिस को शक है कि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे कोई और भी है, जो फिलहाल पर्दे के पीछे है। पकड़े गए दोनों युवक अनपढ़ हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्हें असली योजना की जानकारी नहीं थी। पुलिस कॉल डिटेल खंगाल रही है और जल्द मास्टरमाइंड तक पहुंचने का दावा कर रही है।
पूरन डावर के घर जुलाई 2019 में बड़ी चोरी हो चुकी है। घरेलू नौकर विवेक महतो ने कई महीने तक चोरी कर एक करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम अपने परिवार को भेजी। 40 लाख में मकान भी बनवा लिया था। पुलिस ने रिवाल्वर चोरी होने पर मामले का खुलासा किया था। नौकर और उसके भाई को जेल भेजा गया था।