ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सहरावत ने गलती स्वीकारी, डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटाने का अनुरोध किया

नई दिल्ली । पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से अनुरोध किया है कि उन पर लगा एक साल का प्रतिबंध हटाने पर पुनर्विचार किया जाए। सहरावत को जगरेब में विश्व चैंपियनशिप में मुकाबले से पहले वजन कम करने में विफल रहने पर प्रतिबंध लगाया है। शुरूआती मुकाबले से पहले उनका वजन निर्धारित सीमा से 1.7 किलोग्राम अधिक था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में सहरावत ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले महीने वजन कम न कर पाने की गलती की थी। इस पहलवान ने कहा कि वह डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह से मुलाकात करेंगे और उनसे महासंघ के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे। सहरावत ने 2024 पेरिस खेलों में 57 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के लिए 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद सहरावत ने कहा, मैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से मुलाकात कर अनुरोध करूंगा कि मेरा निलंबन हटाया जाए। यह मेरी पहली गलती है, मैं इसे दोहराऊंगा नहीं।
डब्ल्यूएफआई ने 23 सितंबर को सहरावत से चूक के लिए स्पष्टीकरण मांगते हुए कारण बताओ नोटिस दिया था। महासंघ ने कहा था कि 29 सितंबर को जमा किए गए उनके जवाब को अनुशासनात्मक समिति ने असंतोषजनक पाया। सहरावत ने कहा कि स्पर्धा से एक दिन पहले अचानक पेट दर्द शुरू होने के कारण वह और वजन कम करने का प्रयास जारी नहीं रख पाए।
उन्होंने कहा, मैंने स्पर्धा एक सप्ताह पहले वजन कम करना शुरू कर दिया था। जब एक दिन बचा था, तब मेरा 600-700 ग्राम अधिक वजन रह गया था। यह जिम में आखिरी सेशन था। मेरे पास कम करने के लिए 600 ग्राम बचा था। मैं अभ्यास कर रहा था लेकिन अचानक मेरे पेट में दर्द होने लगा। मैं सीधे अपने कमरे में चला गया। मैंने सुबह चार बजे उठने की योजना बनाई थी लेकिन पेट का दर्द रात में फिर से बढ़ गया और कुछ दवा लेने के बाद भी यह ठीक नहीं हुआ।
सहरावत ने कहा कि एक साल का प्रतिबंध उनके करियर को प्रभावित करेगा क्योंकि 2026 में एशियाई खेल आने वाले हैं। सहरावत ने कहा, आने वाली मुख्य प्रतियोगिताएं एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप 2026 में हैं। एशियाई खेल चार साल में एक बार होते हैं और यह मेरा मुख्य लक्ष्य है। एशियाई खेलों से चूकना एक बहुत बड़ा नुकसान होगा।