
आगरा । आगरा की एक महिला के पेट से बालों का गुच्छा निकाला गया। महिला 62 साल की है। वह 50 साल से अपने ही बाल खा रही थी। पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत थी।
जांच में पता चला, पेट पूरी तरह से बंद हो चुका है। डॉक्टरों ने सर्जरी की। पेट से बालों का बड़ा गुच्छा निकाला गया। महिला ने बताया, वो पिछले 50 साल से अपने ही बाल तोड़कर खा रही थी। 34 साल पहले भी ऐसा ही आॅपरेशन हुआ था।
नवदीप हॉस्पिटल में सर्जरी करने वाले वरिष्ठ लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सुनील शर्मा के मुताबिक, इससे महिला की आंतें और पेट पूरी तरह बंद हो गए थे। मरीज को उल्टियां हो रही थीं और वह तेज पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मरीज की एंडोस्कोपी की गई, जिसमें पेट में बालों का अवरोध दिखाई दिया। काउंसिलिंग के दौरान पता चला कि 34 साल पहले भी इसी महिला का आॅपरेशन हुआ था, जिसमें पेट से बालों का गुच्छा निकाला गया था। यह आॅपरेशन भी नवदीप हॉस्पिटल में ही किया गया था।
डॉक्टरों ने तत्काल आॅपरेशन का फैसला लिया। सर्जरी के दौरान देखा गया कि बालों का गुच्छा पेट में फंसा हुआ था, जिसकी वजह से खाना पचना बंद हो गया था और महिला लगातार उल्टियां कर रही थी। आॅपरेशन सफल रहा और अब महिला की हालत स्थिर है।
सर्जरी के बाद जब डॉक्टरों ने महिला से बात की तो उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। महिला ने बताया कि वो पिछले 50 सालों से अपने ही सिर के बाल नोच कर खा रही थीं।
डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि यह बीमारी मानसिक स्थिति से जुड़ी होती है। इसे मेडिकल भाषा में ट्राइकोटिलोमेनिया कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति बार-बार अपने बाल तोड़ता है। वहीं ट्राइकोफेजिया से पीड़ित लोग इन टूटे हुए बालों को खा जाते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, लंबे समय तक बाल खाने से यह पेट और आंतों में जमा हो जाते हैं और गुच्छे का रूप ले लेते हैं। इसे ‘हेयर बॉल’ कहा जाता है, जो धीरे-धीरे पाचन तंत्र को ब्लॉक कर देता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि यह समस्या अक्सर बच्चों और किशोरों में भी देखी जाती है। अगर समय पर पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो काउंसलिंग और दवाओं से इस आदत को रोका जा सकता है। उन्होंने अपील की कि अगर किसी को भी इस तरह की आदत दिखे तो तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें।