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‘आधुनिक इतिहास में यहूदी राष्ट्र के सबसे बड़े मित्र’, संसद संबोधित करने के लिए इस्राइल का ट्रंप को खत

तेल अवीव । इस्राइल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस्राइली संसद (नेसेट) में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया है। इसी के साथ इस्राइल ने ट्रंप को आधुनिक इतिहास में यहूदी लोगों का ‘सबसे बड़ा मित्र’ भी करार किया है। इस्राइल-हमास गाजा शांति समझौते के बाद इस्राइली संसद के अध्यक्ष अमीर ओहाना ने डोनाल्ड ट्रंप को नेसेट में भाषण देने के लिए पत्र के जरिए आमंत्रण दिया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि इस्राइल के लोग ट्रंप को आधुनिक इतिहास में यहूदी राष्ट्र का सबसे बड़ा मित्र और सहयोगी मानते हैं।
इस्राइली संसद के अध्यक्ष अमीर ओहाना में अपने पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति के नेतृत्व और दूरदर्शिता की सराहना की। उन्होंने लिखा, “ना सिर्फ 7 अक्तूबर को हमास को अपहृत सभी इस्राइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने वाले समझौते के लिए, बल्कि मध्य पूर्व के लगभग हर देश द्वारा स्वीकार किए गए एक अभूतपूर्व क्षेत्रीय समझौते के लिए भी योगदान दिया है।”
अपने पत्र में ओहाना ने कहा कि इस्राइली लोग ट्रंप को आधुनिक इतिहास में यहूदी राष्ट्र का सबसे बड़ा मित्र और सहयोगी मानते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए नेसेट में राष्ट्र को औपचारिक रूप से संबोधित करने के लिए आपको आधिकारिक रूप से आमंत्रित करना मेरे लिए अत्यंत सम्मान और सौभाग्य की बात है।
पत्र में आगे कहा गया है, “आपका भाषण 2008 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की यात्रा के बाद किसी वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति का पहला भाषण होगा, यह आपके सदी में एक बार आने वाले नेतृत्व और इस्राइली देश और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अटूट गठबंधन के लिए हमारी शाश्वत कृतज्ञता का एक गहरा और सार्थक संकेत है। इस्राइल शांति के राष्ट्रपति का इंतजार कर रहा है।”
पत्र में आगे कहा गया कि यह जीत बहादुर सैनिकों के बलिदान, प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प और ट्रंप द्वारा उनके साथ जीवन भर बनाए गए घनिष्ठ सहयोग के बिना संभव नहीं होती। दरअसल, यह निमंत्रण ऐसे वक्त पर आया है, जब हमास और इस्राइल के बीच शांति समझौते के पहले चरण की घोषणा की गई। इस समझौते के मध्यस्थों में तुर्की, मिस्र, कतर और अमेरिका शामिल थे। वहीं सीएनएन ने अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस्राइल सरकार द्वारा अमेरिका की मध्यस्थता वाली योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद गाजा युद्धविराम समझौते के पहले चरण की शर्तें लागू हो गई हैं।
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस्राइल गाजा में युद्ध के मुख्य उद्देश्य को हासिल करने वाला है। नेतन्याहू ने यह बात डोनाल्ड ट्रंप के दो साल के बाद इस्राइली और हमास के बीच युद्धविराम और बंधक रिहाई समझौते की घोषणा के बाद कही।
नेतन्याहू ने कहा कि यह सफलता तब मिली जब दोनों पक्ष गाजा शांति योजना के पहले चरण के तहत बंधकों और कैदियों को रिहा करने पर सहमत हुए। अपने संक्षिप्त संबोधन में इस्राइली पीएम ने कहा, “हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। पिछले दो वर्षों में हमने अपने युद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया और इन युद्ध लक्ष्यों में से एक मुख्य लक्ष्य बंधकों को वापस लाना है। सभी बंधकों को, जीवित और मृत सभी को हम प्राप्त करने वाले हैं।” नेतन्याहू ने शांति प्रक्रिया में मध्यस्थता के लिए ट्रम्प का धन्यवाद किया।

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