भारत-यूके व्यापार समझौता है विकास का लॉन्चपैड, बोले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर

नई दिल्ली । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौते के तहत मौजूद अवसर बेमिसाल हैं। स्टार्मर ने प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा की शुरूआत की है। स्टार्मर ब्रिटेन के 125 सबसे प्रमुख व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ, दो दिवसीय यात्रा पर आज सुबह मुंबई पहुंचे। रोल्स रॉयस, ब्रिटिश टेलीकॉम, डियाजियो, लंदन स्टॉक एक्सचेंज और ब्रिटिश एयरवेज जैसी प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारी स्टारमर के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
स्टार्मर ने कहा कि हमने जुलाई में भारत के साथ एक प्रमुख व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे बेहतर समझौता है लेकिन कहानी यहीं समाप्त नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह महज एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह विकास का एक लॉन्चपैड है। भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और उसके साथ व्यापार तेज और सस्ता होने वाला है, ऐसे में हमारे लिए उपलब्ध अवसर बेजोड़ हैं। उन्होंने कहा कि भारत में विकास का मतलब ब्रिटिश लोगों के लिए घर पर अधिक विकल्प, स्थिरता और नौकरियां हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के ढाई महीने बाद हुई है। इससे बाजार पहुंच बढ़ेगी, टैरिफ में कटौती होगी और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो जाएगा। जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की लंदन यात्रा के दौरान यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता तय हुआ था।
स्टार्मर की भारत यात्रा पर ब्रिटिश वक्तव्य में कहा गया है कि वह ब्रिटेन-भारत व्यापार समझौते से प्राप्त गति को आगे बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि इससे ब्रिटिश व्यवसायों के लिए दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक तक पहुंच खुल जाएगी।
जुलाई में ऐतिहासिक ब्रिटेन-भारत व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, जिससे भारत में आयातित ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कम हो जाएगा, ब्रिटिश व्यवसायों के लिए दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के साथ अपने व्यापार को गति देने के लिए दरवाजे अब खुल गए हैं।
ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री पीटर काइल ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की हमारी महत्वाकांक्षा की कोई सीमा नहीं है। एक वर्ष से भी कम समय में हम एक समझौते पर बातचीत दोबारा शुरू करने से लेकर, 125 प्रतिभाशाली व्यापारिक नेताओं को उसकी वाणिज्यिक राजधानी में लाने तक पहुंच गए हैं। हमारा समझौता किसी भी देश द्वारा भारत के साथ किया गया अब तक का सबसे अच्छा समझौता है व यह ब्रिटिश व्यवसायों को एक विशाल और निरंतर बढ़ते बाजार तक पहुंच बनाने की कतार में सबसे आगे रखता है।
उन्होंने कहा कि अब हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और हर आवश्यक साधन का उपयोग कर रहे हैं ताकि व्यवसायों को इस बात के लिए तैयार किया जा सके कि वे इस समझौते के लागू होने के बाद हमें जो बड़ी सफलताएं प्राप्त हुई हैं, उनका पूरा लाभ उठा सकें, ताकि हम घरेलू स्तर पर विकास, रोजगार और समृद्धि ला सकें।
बयान के अनुसार, ब्रिटिश उत्पादों पर भारत का औसत टैरिफ 15 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत हो जाएगा, जिसका अर्थ यह है कि भारत में शीतल पेय और सौंदर्य प्रसाधनों से लेकर कारों और चिकित्सा उपकरणों तक के उत्पाद बेचने वाली ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय बाजार में बेचना आसान हो जाएगा।
इसमें कहा गया है कि व्हिस्की उत्पादकों को विशेष रूप से टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत करने से लाभ होगा, तथा अगले 10 वर्षों में इसे और भी कम करके 40 प्रतिशत कर दिया जाएगा, जिससे ब्रिटेन को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिलेगी।