आगरा

गुरु का ताल में चल रहा 38वां वार्षिक गुरमत समागम:दूसरे दिन पंजाब और दिल्ली से आए रागीजनों ने किया कीर्तन

आगरा । गुरुद्वारा गुरु का ताल में चल रहे 38वें वार्षिक गुरमत समागम के दूसरे दिन भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। देशभर से आए विख्यात रागी जत्थों और प्रचारकों के गुरबाणी कीर्तन व कथा प्रवचनों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कीर्तन दरबार में संगत ने गुरु चरणों में बैठकर गुरबाणी की अमृतधारा का आनंद लिया।
समागम का आयोजन गुरुद्वारा गुरु का ताल के पूर्व महापुरुष संत बाबा साधू सिंह जी मौनी व बाबा निरंजन सिंह जी की स्मृति में किया जा रहा है। वर्तमान मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया कि तीन दिवसीय समागम का आयोजन वर्षों से सेवा और भक्ति की भावना के साथ होता आया है।
समागम के दूसरे दिन दो कीर्तन दीवान सजाए गए। पहला दीवान सुबह 9 बजे से दोपहर 4 बजे तक चला, जबकि दूसरा दीवान शाम 6 बजे से रात्रि 2 बजे तक चला। सुबह की शुरूआत जपजी साहिब के पाठ से हुई। दीवान में भाई निरवैर सिंह जी (हजूरी रागी, दरबार साहिब, अमृतसर), भाई हरजोत सिंह जख्मी (जालंधर), भाई कुलविंदर सिंह (खरड़), ज्ञानी अंग्रेज सिंह (हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, दिल्ली), ज्ञानी सरबजीत सिंह (पंजाब), ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर मस्कीन सहित अनेक प्रचारक व रागी जत्थे शामिल हुए। दीवान का समापन रात 2 बजे आनंद साहिब, अरदास और हुकुमनामे के साथ हुआ।
संगत के लिए 24 घंटे लंगर सेवा जारी रही। बाबा अमरीक सिंह जी ने बताया कि समागम के दौरान हर 4-5 घंटे में अलग-अलग व्यंजन जैसे उड़द-चना दाल, बेसन की कढ़ी, आलू की सब्जी, पूरी, खीर व कड़ा प्रसाद तैयार किया गया। लंगर सेवा में सितारगंज से आई भाई मंजसेवा समिति के 150 से अधिक सेवादारों ने प्रेमपूर्वक सेवा निभाई।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह जस्सी ने बताया कि समागम के अंतिम दिन 3 अक्टूबर को सुबह गुरुद्वारा मंजी साहिब में अमृत संचार होगा। अमृत पान करने वाले श्रद्धालुओं को ककार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। पंज प्यारे दिल्ली से पहुंचेंगे। अमृत लेने वाले श्रद्धालुओं को सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर 9 बजे तक गुरुद्वारा मंजी साहिब पहुंचने का आह्वान किया गया है।
समागम में जत्थेदार बाबा पाल सिंह (सितारगंज), जत्थेदार बाबा अमर सिंह (बंडा, शाहजहांपुर), जत्थेदार सतनाम सिंह (निजामाबाद), महंत महेंद्र सिंह, श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान कवलदीप सिंह, ज्ञानी कुलविंदर सिंह (गुरुद्वारा माईथान), उपेंद्र सिंह लवली, बॉबी वालिया, परमजीत सिंह सरना, चौधरी मनजीत सिंह, महंत हरपाल सिंह, ग्रंथी वीर सिंह, ज्ञानी केवल सिंह, भाई जोगा सिंह सहित कई श्रद्धालु और सेवक उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button