आगरा

दुर्गा विसर्जन कर रहे 15 लड़के डूबे:5 की लाश मिली; सांसद पहुंचे तो लोगों ने घेरा, पैरामिलिट्री ने संभाला रेस्क्यू अभियान

आगरा । आगरा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो अलग-अलग हादसों में 15 से अधिक युवक नदी में डूब गए। रेस्क्यू टीम ने 5 शवों को नदी से बरामद कर लिया है। गोताखोरों ने एक युवक को बचा लिया है। हालांकि, 10 लोग अभी भी लापता हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। वहीं शुक्रवार दोपहर को पैरामिलिट्री फोर्स भी पहुंच गई।
पहली घटना खेरागढ़ की है, जहां 13 लोग डूबे। इसमें पांच लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जबकि एक युवक को बचा लिया गया है। दूसरी घटना ताजगंज क्षेत्र के करभना गांव की है। यहां दो युवक नदी में लापता हैं। यहां पांच डूबे थे लेकिन तीन तैरकर किसी तरह बाहर निकल आए।
इस घटना का लाइव वीडियो भी सामने आया है। दोनों घटनाएं गुरुवार की हैं। उधर, इस हादसे के बाद डीएम ने खेरागढ़ ब्लॉक के सभी स्कूलों को शुक्रवार को बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं रेस्क्यू में देरी होने पर घटनास्थल पर पहुंचे सांसद राजकुमार चाहर को लोगों ने घेर लिया और मुदार्बाद के नारे लगाए। इस दौरान समर्थकों ने उन्हें किसी तरह बाहर निकाला।
पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी ने मौके पर जाकर बोट के द्वारा टीम के साथ राहत व बचाव कार्य का निरीक्षण किया।   टीम भी सुबह मौके पर आ गयी थी,  फ्लड कम्पनी पीएसी की टीमें और स्थानीय गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया जा रहा है।
सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की यूनिट 411 पैरा फील्ड कम्पनी को भी राहत और बचाव कार्य हेतु मौके पर बुलाया गया है, जिसके द्वारा अपनी स्टीमर बोट आदि से रेस्क्यू आॅपरेशन किया जा रहा है। पुलिस आयुक्त, आगरा द्वारा मौके पर स्थानीय नागरिकों से लगातार बात की जा रही है। उन्हें सांत्वना भी दी जा रही है।
खेरागढ़ में हादसा गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे हुआ। डूंगरवाला उंटगन नदी में बड़ी संख्या में लोग दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करने आए थे। महिलाएं नदी किनारे रुक गईं, लेकिन युवक प्रतिमा को लेकर नदी में चले गए।
तभी अचानक नदी में 13 युवक डूबने लगे। युवकों को डूबने से बचाने के लिए चीख-पुकार मच गई। लेकिन जबतक कोई प्रयास होता नदी के तेज बहाव में अधिकतर बहते हुए काफी दूर चले गए।
पुलिस ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया गया। थाना प्रभारी मदन सिंह भी वर्दी निकालकर बचाने के लिए कूद पड़े। टीम ने काफी मशक्कत से एक युवक भोला को बचाया। उसकी हालत गंभीर है। कई घंटों की मेहनत के बाद गोताखोरों ने 3 युवकों के शव को नदी से बाहर निकाला। शुक्रवार को दो और शवों को रेस्क्यू टीम ने बरामद किया। 7 युवक अभी भी लापता हैं। सभी युवक कुसियापुर गांव के रहने वाले है। मरने वालों में हरेश (20) और गगन (17) दोनों भाई है।
हादसे के बाद युवकों के परिजन प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर सलामती के लिए प्रार्थना करते रहे। पुलिस ने उन लोगों को नदी से बाहर निकाला। उधर, ग्रामीणों ने रेस्क्यू में देरी का आरोप लगाते हुए रोड जाम कर दिया।
ग्रामीणों ने दो जगह पर जाम लगाया था। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह समझा कर सबको शांत कराया। लापता लोगों का पता लगाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भी लगाया गया है।
डीसीपी वेस्ट अतुल शर्मा ने बताया- पुलिस ने विसर्जन स्थल उंटगन नदी पुल के नीचे बनाया था। यह लोग सबसे पहले दुर्गा प्रतिमा लेकर वहां पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने बीच नदी में जाने को मना कर दिया। जिससे वह कैला देवी जाने को कहकर लौट गए और रास्ते में ही डूंगर वाला गांव स्थित नदी किनारे विसर्जन करने लगे। वहीं पर हादसा हुआ है।
एडीशनल सीपी राम बदन सिंह ने कहा- खेरागढ़ के उंटगन नदी पुल के पास मूर्ति विसर्जन के लिए आर्टिफिशियल तालाब बनवाया गया था। जो लोग कुसियापुर गांव से आए थे उन्होंने यहां मूर्ति विसर्जन करने से मना कर दिया और बोले हम कैलापुर जाएंगे। पता नहीं फिर सभी रास्ते से लौट आए।
यहां सभी 16 से 28 साल के लोग समझदार थे और क्यों अंदर चले गए और हादसा हो गया। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी है।

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