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‘बढ़ती आय और कर सुधारों से भारत में निवेश के नए अवसर खुल रहे’, बोले वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह

नई दिल्ली। 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा है कि भारत का बड़ा और अब तक अप्रयुक्त घरेलू बाजार देश में निवेश के लिए अपार संभावनाएं प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में सालाना पांच से छह प्रतिशत की दर से हो रही वृद्धि से निजी निवेश, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप, बाहरी निजी निवेश और आंतरिक संसाधन जुटाने के लिए अनुकूल अवसर बन रहे हैं।
एनके सिंह ने कहा कि हम एक ऐसे निर्णायक मोड़ पर हैं, जहां कई सकारात्मक चक्र एक साथ काम कर रहे हैं, जो हमें आने वाली चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम बनाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से सरकार को राजकोषीय मोर्चे पर अधिक लचीलापन मिला है, आम लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है, कारोबार करने में आसानी में सुधार हुआ है और आम जनता को राहत मिली है। सिंह ने कहा कि यह भारत के आम नागरिक की जीत है, जहां वह अपेक्षाकृत कम कर दरों का भुगतान कर रहा है और निवेश व कारोबारी माहौल में व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है।
उन्होंने भारत की ऐतिहासिक विकास दर का जिक्र करते हुए कहा कि कई दशकों तक देश की औसत वास्तविक विकास दर करीब 3.5% रही, जबकि जनसंख्या वृद्धि दर 2% से थोड़ा अधिक थी, जिससे प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर मात्र 1% रह जाती थी। लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है, जनसंख्या वृद्धि दर 1% से नीचे आ गई है और नाममात्र आय वृद्धि दर 6.5% से अधिक है, जिसके चलते प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में 6% की दर से बढ़ रही है। यह अतीत की तुलना में छह गुना अधिक वृद्धि है।
सिंह ने कहा कि चक्रवृद्धि की ताकत बताती है कि इस दशक के अंत तक भारत की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो सकती है। हाल के किसी भी अनुभव में यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। यही समृद्धि की राह है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि साझा विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वास्तविक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 7.5% से अधिक बनाए रखना होगा।

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