आरबीआई सितंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, एसबीआई ने जताया अनुमान

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक सिंतबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट में यह संभवना जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई नियंत्रण में होने और भविष्य में और नरमी की संभावना को देखते हुए यह कद उचित और तर्कसंगत रहेगा। बता दें कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 29 और 30 सितंबर को होने वाली है। और नीति की घोषणा 1 अक्टूबर, 2025 को की जाएगी।
एसबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक का स्पष्ट और शांतिपूर्ण संचार ही इस बीच एक प्रभावी नीति उपकरण है। रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि सितंबर में टाइप 2 गलती (तटस्थ रुख के बावजूद दर कटौती न करना) करने का कोई फायदा नहीं है। ऐसे में 25 आधार अंक की कटौती आरबीआई के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प माना जा रहा है।
रिपोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि जून के बाद दरों में कटौती का स्तर अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस तरह के निर्णय के लिए केंद्रीय बैंक को सावधानीपूर्वक और संतुलित संचार करना जरूरी होगा।
हालांकि, इसने इस बात पर जोर दिया कि वित्त वर्ष 2027 में भी मुद्रास्फीति के नरम बने रहने की उम्मीद है। जीएसटी में कोई कटौती किए बिना, मुद्रास्फीति सितंबर और अक्टूबर में पहले ही दो प्रतिशत से नीचे चल रही है।
वित्त वर्ष 27 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े अब लगभग 4 प्रतिशत या उससे कम रहने का अनुमान है। जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने के साथ, अक्टूबर का सीपीआई 1.1 प्रतिशत के करीब गिर सकता है। यह 2004 के बाद सबसे कम होगा।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ब्याज दरों में कटौती न करने का मतलब पहले की गई टाइप 2 गलती को दोहराना हो सकता है। इसका मतलब अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद तटस्थ रुख बनाए रखना। एसबीआई ने यह भी कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति अभी भी अपने निम्नतम स्तर पर नहीं पहुंची है व अपेक्षित जीएसटी युक्तिकरण के कारण इसमें 65-75 आधार अंकों की और गिरावट आ सकती है।
इसमें बताया गया है कि 2019 के अनुभव से यह भी पता चला है कि दरों को युक्तिसंगत बनाने, विशेष रूप से सामान्य वस्तुओं के लिए दरों को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से कुछ महीनों के भीतर समग्र मुद्रास्फीति में लगभग 35 आधार अंक की गिरावट आई है।
इसके अलावा, नई सीपीआई श्रृंखला के साथ, एसबीआई को मुद्रास्फीति में 20-30 आधार अंकों की और कमी की उम्मीद है। जीएसटी युक्तिकरण और आधार संशोधन जैसे कारकों को मिलाकर, सीपीआई मुद्रास्फीति पूरे वित्त वर्ष 26 और 27 के लिए 4 प्रतिशत प्लस-माइनस 2 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य बैंड के निचले स्तर पर रहेगी।