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शिक्षा विभाग में 20.47 करोड़ की हेराफेरी, 134 बैंक खातों में गए गबन के पैसे; 917 फर्जी बिलों का इस्तेमाल

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने कमल राठौर और अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा ब्लॉक शिक्षा कार्यालय (बीईओ), कट्ठीवाड़ा, जिला अलीराजपुर, मध्य प्रदेश में फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की। ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में 917 फर्जी बिल लगाए गए। इसके जरिए 20.47 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर 134 बैंक खातों में गबन की राशि जमा करा दी गई। गबन की राशि को सफेद करने के लिए वह पैसा कई जगहों पर निवेश कर दिया गया।
ईडी ने बिलों की धोखाधड़ी से निकासी और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 4.5 करोड़ रुपये मूल्य की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कार्रवाई पुलिस स्टेशन कट्ठीवाड़ा, जिला अलीराजपुर (मध्य प्रदेश) द्वारा ब्लॉक शिक्षा कार्यालय, कट्ठीवाड़ा के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच के बाद की गई है।
जांच में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) पर तैयार और अनुमोदित फर्जी बिलों के माध्यम से 2018-2023 के बीच बड़े पैमाने पर सरकारी धन की हेराफेरी का पता चला। इसके अलावा, मुख्य आरोपी व्यक्ति यानी कमल राठौर को ईडी ने 07.08.2025 को गिरफ्तार किया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
ईडी की जांच से पता चला है कि 917 फर्जी बिलों के जरिए 20.47 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर 134 बैंक खातों में जमा किए गए। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने बड़ी रकम नकद निकालकर, रिश्तेदारों के बीच पैसे ट्रांसफर करके और अलीराजपुर व पन्ना में कई संपत्तियों में निवेश करके गबन की गई धनराशि को सफेद किया।
परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित कई संपत्तियों को बाद में धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए बेच दिया गया। अतिरिक्त संपत्तियों की पहचान करने और पूरी धन-संख्या का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।

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