नवरात्रि में माता रानी को कौन से फल नहीं चढ़ाने चाहिए? यहां जान लें भोग से संबंधित जरूरी नियम

नवरात्रि में माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा माता के प्रत्येक स्वरूप को भोग भी लगाया जाता है। भोग के रूप में अन्न के साथ ही फल भी चढ़ाए जाते हैं। हालांकि भोग सामग्री से जुड़े नियमों का पालन भी आपको करना चाहिए। कुछ ऐसे फल और अन्न भी हैं जिन्हें माता रानी को गलती से भी नवरात्रि के दौरान आपको अर्पित नहीं करना चाहिए। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि आपको नवरात्रि भोग में कौन से फल माता रानी को नहीं चढ़ाने चाहिए और किन जरूरी नियमों का आपको पालन करना चाहिए।
नवरात्रि में भोग से जुड़े नियम
नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा होती है साथ ही इन्हें पूजा में भोग भी लगाया जाता है। नवरात्रि का व्रत रखने वालों को सबसे पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि नवरात्रि के दौरान आपको सात्विक भोजन ही करना है। आप व्रत ना भी लें तब भी सात्विक भोजन ही आपको इस दौरान करना चाहिए। घर में बनने वाले भोजन में प्याज, लहसुन आदि का इस्तेमाल आपको नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचें। नवरात्रि का व्रत रखने वालों को रात्रि के समय भोजन माता को भोग लगाने के बाद ही करना चाहिए। माता के नौ रूपों को नौ अलग-अलग तरह के भोग आपको नवरात्रि के नौ दिनों में लगाने चाहिए।
माता के 9 स्वरूपों के प्रिय भोग
शैलपुत्री: बादाम का हलवा, घी की मिठाइयां
ब्रह्मचारिणी: मिश्री और शक्कर का भोग
चंद्रघंटा: खीर का भोग
कुष्मांडा: मालपुए का भोग
स्कंदमाता: केले का भोग
कात्यायनी: शहद या शहद से बनी चीजों का भोग
कालरात्रि: गुड़ अथवा गुड़ से बनी चीजों का भोग
महागौरी: नारियल या फिर नारियल से बने भोज्य पदार्थ
सिद्धिदात्री: चना और हलवे-पूरी का भोग
नवरात्रि में माता को न लगाएं इन फलों का भोग
नवरात्रि के दौरान आपको माता को गलती से भी नींबू, इमली, सूखा नारियल, नाशपाती, अंजीर का भोग नहीं लगाना चाहिए। इन फलों को माता को अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा जूठे, सड़े हुए फल भी माता रानी को न चढ़ाएं। नवरात्रि के नौ दिनों में आपको अनार, बेल, आम, शरीफा, सिंघाड़ा, जटा वाला नारियल आदि फलों का भोग माता रानी को लगाना चाहिए।