एलेग्रा के बाद रोसुवास और एमारिल टैबलेट भी नकली: नकली दवा कारोबार पर कार्रवाई में कंपनियों ने दी रिपोर्ट

आगरा । आगरा में नकली दवा के खिलाफ हुई कार्यवाही में दो कंपनियों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। दवा कंपनी सन फार्मा और सनोफी इंडिया की रिपोर्ट में माना गया है कि रोसुवास टैबलेट और एमारिल टैबलेट नकली हैं। यह दवाएं शुगर और हार्ट पेशेंट को दी जाती हैं।
ड्रग विभाग और एसटीएफ ने 22 अगस्त को नकली दवा कारोबार में छापेमारी शुरू की थी। हे मां मेडिकल स्टोर के संचालक हिमांशु अग्रवाल के साथ ही बंसल मेडिको पर भी छापा मारा गया था। जिसमें हिमांशु अग्रवाल को सबसे पहले रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बंसल मेडिको के संचालक संजय बंसल और उनके परिवार के लोगों को फर्जी फर्में बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस समय हिमांशु अग्रवाल के साथ ही संजय बंसल, मुकेश बंसल, सोहित बंसल जेल में हैं। 71 करोड़ की दवाएं सभी फर्मों से सील की गई थीं।
इन फर्मों से रोसुवास 20 और 40 एमजी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इस दवा को सनफार्मा कंपनी बनाती है। जो कोलेस्ट्रॉल, शुगर और हार्ट पेशेंट को दी जाती है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि यह दवा उनके यहां तैयार नहीं हुई है। दवा नकली है। यह दवा हे मां मेडिकल स्टोर से जांच के लिए भेजी गई थी। इसी तरह बंसल मेडिको से जांच को भेजी गई एमारिल टैबलेट भी नकली है। इस दवा को सनोफी कंपनी बनाती है।
इससे पहले बंसल मेडिको से मिली एलेग्रा 120 की टैबलेट भी नकली मिली थी। बंसल मेडिको से 78 लाख रुपए की एलेग्रा टैबलेट जब्त की गई थी। क्यूआर कोड स्कैन करने पर सभी स्ट्रिप पर एक ही बैच नंबर और मैन्युफेक्चरिंग डेट आ रही थी। जबकि नियमानुसार हर स्ट्रिप पर अलग जानकारी होनी चाहिए।
बंसल मेडिको पर 80 हजार पत्तों की खरीद और बिक्री के दस्तावेज मिले थे। जबकि कंपनी सनोफी इंडिया का कहना था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में यह दवा बेची ही नहीं है। बंसल मेडिको ने कंपनी से एक बॉक्स खरीद कर उसके बैच नंबर से दवाएं बनवा कर बेच दीं।