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शारदीय नवरात्रि क्या होगी माता की सवारी? जान लें इसका देश दुनिया पर प्रभाव

शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। साल 2025 में शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 22 सितंबर से हो रही है। हर नवरात्रि में वार के अनुसार माता की सवारी अलग होती है और इसका असर भी देश-दुनिया पर उसी सवारी के अनुसार ही पड़ता है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी क्या होगी और इसका प्रभाव क्या हो सकता है।
शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी
माता की अलग-अलग सवारियों में पालकी, घोड़ा, हाथी, नाव आदि शामिल हैं। जब भी नवरात्रि की शुरूआत सोमवार या रविवार से होती है तो माता की सवारी हाथी को माना जाता है। साल 2025 में 22 सितंबर के दिन शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है और इस दिन सोमवार है। इसलिए माता इस बार हाथी पर सवार होकर ही आएंगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हाथी को माता की शुभ सवारियों में से एक माना जाता है। आइए अब जान लेते हैं कि हाथी पर सवार होकर माता दुर्गा का आना देश-दुनिया पर क्या प्रभाव डालेगा।
देश-दुनिया पर प्रभाव
माता का हाथी पर सवार होकर आना देश-दुनिया के लिए सकारात्मक साबित होगा। इस दौरान अच्छे परिवर्तन वैश्विक स्तर पर दिख सकते हैं।
हाथी पर सवार होकर माता कृषि क्षेत्र में शुभता लाएंगी। इस दौरान अच्छी फसल किसानों के चेहरे पर खुशी ला सकती है। संतुलित मात्रा में वर्षा कृषि को बेहतर बनाएगी।
देश और दुनिया में व्यापार का अच्छा माहौल बन सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार में तेजी देखने को मिल सकती है।
मजदूर वर्ग के लोगों के लिए भी समय अच्छा रहेगा। इस दौरान धन लाभ के अच्छे अवसर मिलेंगे।
हाथी पर माता का सवार होकर आना लोगों के जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।
सामाजिक मेलजोल भी इस दौरान बढ़ सकता है। कुछ राजनीतिक मुद्दों के सुलझने से देश-दुनिया में स्थिरता की स्थिति बन सकती है।
कुल मिलाकर देखें तो माता का हाथी पर सवार होकर आना बेहद सकारात्मक साबित होगा। व्यक्तिगत रूप से हर कोई आगे बढ़ेगा और सुख-समृद्धि पाएगा वहीं समाज में भी इस दौरान अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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