स्वास्थ्य

क्या घंटों बैठे रहने से बढ़ रहा है फैटी लिवर, डॉक्टर से जानिए लिवर में जमा फैट को कैसे निकालें

आज की आधुनिक जिंदगी में अधिकतर लोग दिन के कई घंटे बैठकर काम करते हैं। आॅफिस में 9-10 घंटे तक कंप्यूटर और लैपटॉप पर लोगों को चिपके रहना पड़ता है। सिर्फ आॅफिस ही नहीं घर पर टीवी देखते हुए या मोबाइल फोन पर घंटों बात करते हुए लोग बैठे-बैठे समय बिता देते हैं। बैठना एक सामान्य गतिविधि है, लेकिन लंबे समय तक लगातार बैठने से हमारी सेहत पर गंभीर नुकसान हो सकता है, खासकर लिवर यानी जिगर की सेहत के लिए बैठना ठीक नहीं है।
फैटी लिवर क्या है?
डॉक्टर ने बताया कि फैटी लिवर रोग तब होता है जब लिवर में जरूरत से ज्यादा चर्बी यानि फैट जमा हो जाता है। इससे लिवर सूजन आ जाती है और लिवर के काम करने की क्षमता कम हो जाती है। अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह लिवर की गंभीर बीमारियों जैसे सिरोसिस या कैंसर का कारण बन सकता है। फैटी लिवर के दो प्रकार होते हैं- एक शराब के कारण और दूसरा जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर अधिकतर खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है।
लागतार बैठने का लिवर पर असर
नई रिसर्च बताती है कि दिन में ज्यादा घंटे लगातार बैठने से लिवर में फैट जमा होने का खतरा बढ़ जाता है। ये खतरनाक इसलिए है क्योंकि लंबे समय तक बैठने से हमारी मांसपेशियां कम सक्रिय होती हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता घटती है और फैट जमा होने लगता है। इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। जब शरीर की मांसपेशियां कम चलती हैं तो इंसुलिन ठीक से काम नहीं कर पाता, जिससे लिवर में चर्बी जमा हो जाती है और फैटी लिवर होने का खतरा बढ़ता है।
किन लोगों को फैटी लिवर का ज्यादा खतरा है?
डेस्क जॉब करने वाले, छात्र और वो लोग जो दिनभर स्क्रीन के सामने रहते हैं, खासतौर पर इस समस्या का शिकार होते हैं। बच्चे और युवाओं में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है क्योंकि वे अधिक समय मोबाइल और कंप्यूटर पर बिताते हैं। खासतौर पर शहरों में, जहां लोग बैठकर काम करते हैं और जंक फूड खाते हैं, वहां फैटी लिवर के केस बढ़ रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह बीमारी सिर्फ मोटापे वाले लोगों को ही नहीं होती, बल्कि ऐसे लोग भी इसे झेल सकते हैं जो वजन में सामान्य हैं, पर लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
फैटी लिवर से कैसे बचाव करें?
फैटी लिवर को रोकना या सुधारना संभव है, अगर हम अपनी आदतों में बदलाव करें। सबसे जरूरी है ज्यादा समय बैठने से बचना और हर 30-60 मिनट में थोड़ा उठकर चलना-फिरना जरूरी है। हर दिन नियमित हलकी-फुलकी एक्सरसाइज करें, जैसे पैदल चलना, योगा या स्ट्रेचिंग। अच्छी बैलेंस डाइट लें जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों, और तला-भुना, जंक फूड और ज्यादा मीठा खाने से बचें।

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