संत प्रेमानंद ने देखी बाढ़ की विभीषिका:स्टीमर में सवार होकर देखा यमुना का विराट स्वरूप

मथुरा। संत प्रेमानंद महाराज अपने शिष्यों के साथ यमुना के विराट स्वरूप के दर्शन करने निकले। संत प्रेमानंद महाराज स्टीमर के जरिए यमुना की बाढ़ में डूबे कई क्षेत्र में गए और वहां की स्थिति को देखा। इस दौरान उनके चेहरे पर कुछ दुके भाव भी नजर आये। वह शांत मन से यमुना के इस स्वरूप को देखते रहे।
संत प्रेमानंद महाराज बाढ़ से 3 तरफ से घिरे वृंदावन में यमुना के स्वरूप से स्टीमर से निकले। उन्होंने करीब एक घंटे तक बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया। भ्रमण के दौरान संत प्रेमानंद महाराज के चेहरे पर एक भी बार मुस्कराहट नहीं नजर आई। जिससे लगा कि वह बाढ़ से व्यथित हैं। उन्होंने मां यमुना के स्वरूप को प्रणाम भी किया।
संत प्रेमानंद महाराज ने यमुना का भ्रमण वराह घाट क्षेत्र से शुरू किया। वह सौभरि वन होते हुए यमुना के उन इलाकों में गए जहां बाढ़ का सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। करीब एक घंटे तक शिष्यों के साथ उन्होंने बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया। सोमवार शाम को अपने आश्रम केलि कुञ्ज से निकले संत प्रेमानंद महाराज बेहद ही शांत स्वरूप में नजर आये।
वृंदावन में आई बाढ़ ने कई को बेघर कर दिया है तो कई लोग ऐसे हैं जो अपने घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे लोगों की मदद के लिए संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य भी अन्य लोगों की तरह उनके बीच पहुंचे।
शिष्यों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाकर जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री और पीने का पानी दिया। कई जगह ऐसे भी लोग मिले जो एक मंजिल पानी में डूबने के कारण दूसरी मंजिल पर रहने को मजबूर थे उनको सीढ़ी के जरिये पहुंच कर खाना पहुंचाया।