यमुना खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर पहुंची:मथुरा में पर्यटन थाना परिसर में पानी भरा, 23 गांव प्रभावित

मथुरा। हथिनी कुंड और ओखला बैराज से यमुना में छोड़ा जा रहा पानी अब मथुरा में डेंजर बनता जा रहा है। यहां की 5 तहसील में से 4 तहसील क्षेत्र के 23 गांव प्रभावित हुए हैं। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई।
वहीं, शहरी इलाकों की 20 से ज्यादा कॉलोनी जलमग्न हो गई हैं। यमुना में आई बाढ़ से जहां यमुना भक्त खुश हैं तो यह बाढ़ कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। मथुरा में पर्यटन थाना परिसर में पानी भर गया है। यमुना आधा किलोमीटर दूर सड़क पर बह रही हैं।
मथुरा में यमुना लगातार खतरे के निशान से ऊपर बढ़ती जा रही है। यहां खतरे का निशान 166 मीटर है। गुरुवार की सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर 166. 49 मीटर था। वहीं, शाम को यह बढ़कर 166.55 मीटर पहुंच गया। इसके शुक्रवार को 167 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
गुरुवार को ताजेवाला बांध से 131166 क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो ओखला बैराज से 244478 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। वहीं, मथुरा के गोकुल बैराज से आगरा की तरफ 111523 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।
मथुरा में यमुना का पानी बढ़ा तो वृंदावन के चीरघाट इलाके में बनी अस्थाई दुकानें बंद हो गयी। यहां करीब 50 छोटी बड़ी अस्थाई दुकान हैं। यहां दुकानों के आसपास 3 से 4 फीट पानी भर गया है। जिसकी बजह से दुकानदारों को अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। वृंदावन परिक्रमा मार्ग में चीरघाट की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है।
चीरघाट इलाके में पानी बढ़ा तो यहां दुकान करने वाले दुकानदार सामान सुरक्षित करते हुए उसे शिफ्ट करने में लग गए। यहां नाव के सहारे दुकानदार सामान शिफ्ट कर रहे हैं।
सामान शिफ्ट कर रहे दुकानदार भीमसेन ने बताया कि क्या करें दुकानों में पानी भर गया है रोड पर पानी आ गया है,लगातार पानी बढ़ रहा है अब सब सामान को बोट में सेफ करके किसी सुरक्षित जगह पर रखेंगे। भीमसेन ने बताया कि आम दिनों से आज की बात करें तो यमुना 18 फीट ऊपर बह रही है।
चीरघाट से आगे बांके बिहारी की तरफ बढ़े तो भक्ति नगर कॉलोनी में नाव चलती दिखाई दी। यहां कुछ लोग नाव में बैठकर सुरक्षित स्थान की तरफ जाते हुए दिखाई दिए। नाव में बैठे प्रकाश सोनी ने बताया कि उनके आश्रम में 3 फीट पानी बढ़ गया है।
आसपास पानी भरा हुआ है। पानी भर जाने के कारण खाने पीने की दिक्कत हो रही है। प्रकाश सोनी ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी कॉलोनी में खाने पीने के सामान की व्यवस्था की जाए।
भक्ति नगर कॉलोनी से जब निकल कर पानी के बीच से होते हुए कालीदह पहुंचे तो वहां सड़क पर पानी भरा हुआ था। इस पानी से होकर एक मजदूर निकलता हुआ दिखाई दिया। इनसे जब बात की तो लोधीराम ने बताया कि वह घर से 3 दिन से मजदूरी के लिए निकलते हैं, लेकिन पानी भरा होने के कारण काम नहीं मिल रहा। घर में बच्चे हैं मजदूरी न मिलने से खाने पीने की समस्या हो रही है।