तेजी से फैल रहा है वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या पेट फ्लू, जान लें इसके क्या लक्षण हैं और कैसे बचें

वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे स्टमक फ्लू यानि पेट फ्लू कह सकते हैं। बारसात के मौसम में पेट का फ्लू होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। मायो क्लीनिक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पेट में छोटी आंत और बड़ी आंत (कोलन) आपके पाचन तंत्र का हिस्सा हैं, जो खाने को प्रोसेस करते हैं। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस होने पर इन अंगों में वायरस के कारण सूजन आ जाती है। इसका मुख्य कारण किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या खराब खाना खाने या पानी पीना है। मरीज को पेट में ज्यादा गैस एसिडिटी और मरोठ के साथ इसकी शुरूआत होती है। लक्षण बढ़ने और दवा में देरी होने से स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। इसलिए अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण
गैस्ट्रोएंटेराइटिस और इन्फ्लूएंजा अलग-अलग होते हैं। फ्लू (इन्फ्लूएंजा) केवल आपके सांस तंत्र जिसमें नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। दूसरी ओर गैस्ट्रोएंटेराइटिस आपकी आंतों पर हमला करता है, जिसके कारण कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।
पानी जैसा दस्त होना
मतली, उल्टी या दोनों
पेट में ऐंठन और दर्द
कभी-कभी मांसपेशियों में दर्द
सिरदर्द में दर्द रहना
हल्का बुखार आना
कभी कभी दस्त में खून आना (अधिक गंभीर संक्रमण)
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण संक्रमित होने के 1-3 दिनों के भीतर दिखाई दे सकते हैं और ये हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर एक या दो दिन तक ही रहते हैं, लेकिन कभी-कभी ये 14 दिनों तक भी रह सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस खतरनाक हो सकता है।
पेट के फ्लू से कैसे बचें?
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस यानि पेट के फ्लू से बचाव ही सबसे जरूरी उपाय है। आपको बाहर के दूषित खाने से बचना चाहिए। पानी साफ और उबला हुआ ही पीना चाहिए। अपने हाथों को बार-बार अच्छी तरह से साबुन से धोते रहना चाहिए।