मथुरा

रैपर-सिंगर बादशाह पहुंचे स्वामी प्रेमानंद की शरण में:पूछा- सत्य बोलने से रिश्ते और प्यार दूर होते हैं

मथुरा । बॉलीवुड रैपर-सिंगर बादशाह वृंदावन में मशहूर संत स्वामी प्रेमानंद के आश्रम में पहुंचे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इसमें सिंगर बादशाह अपने सहयोगी के साथ स्वामी प्रेमानंद के सामने घुटनों पर बैठे हैं।
इस दौरान बादशाह एकटक संत को निहारते रहे, जबकि उनकी ओर से सहयोगी ने मन की दुविधा संत के सामने रखी। पूरे समय बादशाह शांत मुद्रा में बैठे दिखे और संत की बात को एकाग्र होकर सुनते रहे।
बता दें कि बादशाह का असली नाम आदित्य सिंह सिसौदिया है और उनकी जड़ें हरियाणा के करनाल जिले के गांव उचाना से जुड़ी हैं। बादशाह के गानों में उनका हरियाणा प्रेम झलकता है। हिट गीत बावला में उन्होंने झज्जर के गांव डावला का जिक्र किया है।
गाने के बोल हैं- झाझर ते परे नै इक रैया डावला, मेरे पिता ने जुल्म करया वर ढूंढा बावला। इस गाने को लेकर बादशाह कानूनी पचड़े में भी फंसे हैं। करनाल के कॉमर्शियल कोर्ट में केस लंबित है।
सच बोलते ही सब हट जाते हैं-जैसे किसी ने श्राप दे दिया: वीडियो में नजर आ रहा है कि बादशाह की ओर से सहयोगी प्रेमानंद महाराज से सवाल करते हैं। कहते हैं- इंसान किसलिए आया है दुनिया में, मैं शुरू से ये मानता था कि हम सब आपस में भाई हैं और हम एक दूसरे की मदद करने के लिए आए हैं और यही जीवन है। इस दुनिया में सबको सत्य सुनने का जितनी इच्छा है, लेकिन जब सत्य बोलो तो रिश्ते दूर होते रहते है, यू नो प्यार दूर हो जाता है, लेकिन सत्य की चाह उतनी ही है। मगर, सत्य बोलते ही सब हट जाते हैं, ऐसा जैसे किसी ने श्राप दे दिया हो। और तब खत्म हो जाता है इंसान, और वह अपना कर्म भी नहीं कर पाता।
प्रेमानंद ने हंसकर जवाब दिया- सत्य भगवान है: जब बादशाह के सहयोगी ने श्राप दे दियाङ्घवाली बात बोली तो स्वामी प्रेमानंद खिलखिलाकर हंस पड़े। फिर बादशाह की ओर देखकर बोले- थोड़ा सा मजबूत हृदय रहे। सत्य भगवान है और उसका साथ भगवान देते हैं। संसार असत्य में लगा हुआ है और इसलिए यदि सत्य में चलोगे तो तुम्हारा पक्ष कोई लेने वाला नहीं मिलेगा, लेकिन वो पक्ष लेगा, जिसके पक्ष लेने मात्र से सब पक्षपाती बन जाएंगे।
सत्य कभी असत्य नहीं हो सकता: संत ने आगे कहा- जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई। हां, थोड़ा आपको व्यवहार में कटुता मिलेगी। सत्य बोलना, सत्य में चलना… हां जब परमात्मा प्रसन्न हो जाएंगे तो सब आपको नमन करेंगे। क्योंकि सत्य को कहीं न कहीं आदर दिया जा रहा है। तभी तो लोग यहां आते हैं। आप भी तो यहां आए तो सत्य बात सुनने आए, सत्य के दर्शन करने आए। सत्य कभी असत्य नहीं हो सकता।

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