चंद्र ग्रहण पर गर्भवती महिलाएं बरतें विषेश सावधानी, करें इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली । इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है। इस दिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को ही पड़ता है। वहीं सूर्य ग्रहण अमावस्या को होता है। इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। खासतौर पर इस दौरान गर्भवती महिलाओं के विशेष सावधानी बरतनी चाहिए अन्यथा इसका बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को मंत्र जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं कि यह कौन से मंत्र है।
ग्रहण के दौरान किए जाने वाले मंत्र जाप
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करना चाहिए।
1. गणेश मंत्र
“रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं। भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥”
यह मंत्र संतान की रक्षा के लिए लाभकारी माना जाता है।
2.श्रीकृष्ण मंत्र
ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम।
या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:।
इससे जीवन के दुख और संकट कम होते हैं।
3.संतान गोपाल मंत्र
ॐ देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:
यह मंत्र संतान की सुरक्षा और सुख के लिए है।
4. देवी दुर्गा मंत्र
जननी सर्वभूतानां, बालानां च विशेषत:।
नारायणीस्वरुपेण, बालं मे रक्ष सर्वदा॥
भूतप्रेतपिशाचेभ्यो, डाकिनी योगिनीषु च।
मातेव रक्ष बालं मे, श्वापदे पन्नगेषु च॥
इस मंत्र के जाप से संतान को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां
माना जाता है कि सूतक काल गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद संवेदनशील समय होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं जैसे चाकू, सुई, या कैंची का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।