क्या आपकी जीवनशैली नुकसानदायक नहीं है, फिर भी ये बैक्टीरिया हृदय रोग का कारण बन सकते हैं? जानें नया शोध।

दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा: एक नई शोध का खुलासा
आजकल दिल से संबंधित बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। यह समस्या अब केवल वृद्ध लोगों में ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि युवाओं में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। हृदय रोग अमेरिका में स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण बन चुका है, और अपेक्षाकृत युवा तबका भी इसकी चपेट में आ रहा है। पहले इसे एक ऐसी बीमारी माना जाता था जो कि कीटाणुओं द्वारा नहीं फैलती, लेकिन हाल में हुए एक शोध ने इस धारणा को चुनौती दी है।
वैज्ञानिकों की नई खोज
हाल ही में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और फिनलैंड के टैम्पारे और ओउल्लू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक प्रमुख अध्ययन किया है, जिसमें यह पाया गया है कि दिल की नसों में जमा होने वाली वसा की परतों (जो कि पट्टिका के रूप में जानी जाती हैं) में बैक्टीरिया की एक परत भी मौजूद होती है। यह शोध अमरीकी हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
कोरोनरी धमनी का महत्व
हृदय का दौरा आमतौर पर कोरोनरी धमनी रोग के कारण होता है। कोरोनरी धमनी वे नसें हैं जो हमारे दिल को रक्त और पोषण प्रदान करती हैं। जब इन नसों में वसा, कोलेस्ट्रॉल, और अन्य तत्वों की भीड़ होती है, तो यह नसें अवरुद्ध हो जाती हैं। इससे दिल को आवश्यक रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे हृदय दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
कोरोनरी धमनी रोग के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- उच्च रक्तचाप
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- मधुमेह
- मोटापा
- परिवार में हृदय रोग का इतिहास
- अस्वास्थ्यकर जीवनशैली (जैसे धूम्रपान)
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
इन कारणों का सम्बन्ध बैक्टीरिया से पहले नहीं जोड़ा गया था, लेकिन नए शोध ने इस परिप्रेक्ष्य को बदल दिया है।
बैक्टीरिया की भूमिका
वैज्ञानिकों ने 121 ऐसे लोगों के मामले का अध्ययन किया, जिनकी अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। इसके अलावा, 96 रोगियों की जांच की गई, जिनकी सर्जरी की गई थी। जांच में पाया गया कि इन लोगों की धमनियों में बैक्टीरिया की परत मौजूद थी। ये बैक्टीरिया कुछ ऐसे भी थे जो आम तौर पर निष्क्रिय रहते हैं।
शरीर में मौजूद ये बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम और दवाओं से बच सकते हैं। जब ये सक्रिय होते हैं, तब ये तेजी से बढ़ने लगते हैं, जिससे शरीर में सूजन का खतरा बढ़ जाता है। यह सूजन पट्टिका को तोड़ सकती है, जिससे रक्त का थक्का बनता है और हृदय दौरे का खतरा पैदा होता है।
टीके की संभावना
वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल के दौरे से बचाने के लिए एक टीका विकसित किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने दिल की नसों में जमा पट्टिका में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के डीएनए की पहचान की है। यदि बैक्टीरिया की भूमिका इस तरह साबित होती है, तो इसकी खोज हृदय रोग और हृदय दौरे की रोकथाम में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जैसे अन्य संक्रामक बीमारियों के लिए टीके बनाए जाते हैं।
निष्कर्ष
इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि दिल की बीमारियों को समझने में बैक्टीरिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। यह शोध आगे की जांच और अनुसंधान के लिए नए मार्ग खोलता है, जो भविष्य में हृदय रोगों से मुकाबला करने के लिए नए उपचारों और टीकों का विकास कर सकता है।
खुद को स्वस्थ रखने के लिए सही आहार और जीवनशैली के साथ ही, नियमित जांच और विधियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।