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अफगानिस्तान में 6 तीव्रता के भूकंप के झटके, तबाही जैसे हालात; भारत ने बढ़ाए मदद के हाथ

काबुल । अफगानिस्तान में रविवार रात को एक बार फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान में भूकंप के झटकों की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6 मापी गई है। कुछ एजेंसियों ने भूकंप की तीव्रता 6.3 बताई। भूकंप के तेज झटकों के चलते लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है, जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान की मदद करने का वादा किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस कठिन समय में अफगानिस्तान को भारत की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आया विनाशकारी भूकंप गहरी चिंता का विषय है। हम अफगान लोगों के प्रति अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करते हैं, क्योंकि वे इस संकट से जूझ रहे हैं। भारत इस मुश्किल घड़ी में सहायता प्रदान करेगा। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘अफगानिस्तान में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है।’
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप का केंद्र नांगरहार प्रांत के जलालाबाद के पास 8 किलोमीटर की गहराई पर था। यह रविवार को स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे आया। नांगरहार सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने बताया कि 15 लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। लगभग 20 मिनट बाद उसी प्रांत में दूसरा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.5 थी तथा गहराई 10 किलोमीटर थी।
अफगानिस्तान में बीते एक महीने में पांचवी बार भूकंप आया है। अफगानिस्तान भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में यहां लगातार भूकंप आते रहते हैं। इससे पहले अफगानिस्तान में 27 अगस्त को 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 17 अगस्त को 4.9 तीव्रता, 13 अगस्त को 10 किलोमीटर की गहराई पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 8 अगस्त को, 10 किलोमीटर की गहराई पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

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