सुमोना चक्रवर्ती के साथ रोड में हुई बदसलूकी:कहा- भीड़ ने रोका, भगवा गमछा कार के बोनट पर मारा

कपिल शर्मा शो में कपिल की वाइफ बनकर नजर आ चुकीं एक्ट्रेस सुमोना चक्रवर्ती ने हाल ही में बताया है कि बीते दिन उनके साथ कोलाबा में बदसलूकी हुई है। कुछ प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उनकी कार रोक ली और नारेबाजी करते हुए कार के सामने अजीब हकरतें करने लगें। एक्ट्रेस ने कहा कि उन्हें मुंबई में पहली बार असुरक्षित महसूस हुआ है। अपनी इस पोस्ट में सुमोना ने सरकार के खिलाफ भी आवाज उठाई है।
सुमोना ने अपने आॅफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से घटना की जानकारी देते हुए कहा है, ‘आज दोपहर 12:30 बजे। मैं कोलाबा से फोर्ट जा रही थी। और अचानक मेरी कार को एक भीड़ ने रोक लिया। एक आदमी, जिसके गले में भगवा दुपट्टा था, मेरी कार के बोनट पर मारने लगा, मुस्कुराते हुए। अपना बाहर निकला हुआ पेट मेरी कार से चिपकाकर दबा रहा था। मेरी कार के सामने अजीब हरकतें कर रहा था जैसे कोई बीमार-सा मुद्दा साबित कर रहा हो। उसके दोस्त मेरी कार की खिड़कियों पर मार रहे थे, “जय महाराष्ट्र!” चिल्ला रहे थे और हंस रहे थे। हम थोड़ा आगे बढ़े और वही सब दोबारा हुआ।’
आगे एक्ट्रेस ने लिखा, ‘5 मिनट में दो बार। कोई पुलिस नहीं। (जिन्हें बाद में देखा, वे बस बैठे, बातें कर रहे थे, टाइमपास कर रहे थे) न कानून, न व्यवस्था। बस मैं, अपनी कार में, दिन-दहाड़े, साउथ बॉम्बे में असुरक्षित महसूस कर रही थी। और सड़कें? केले के छिलकों, प्लास्टिक की बोतलों, गंदगी से भरी हुईं। फुटपाथों पर कब्जा। प्रदर्शनकारी वहीं खाते, सोते, नहाते, पकाते, पेशाब-पाखाना करते, वीडियो कॉल, रील्स बनाते, मुंबई दर्शन करते वो भी विरोध के नाम पर। सिविक सेंस का पूरा मजाक।’
सुमोना ने आगे लिखा है, ‘मैंने लगभग पूरी जिंदगी बॉम्बे (मुंबई) में बिताई है। मैंने हमेशा यहां सुरक्षित महसूस किया है, खासकर साउथ बॉम्बे में। लेकिन आज, कई सालों में पहली बार, दिन-दहाड़े, अपनी ही कार के अंदर, मैंने खुद को सचमुच असुरक्षित महसूस किया। कमजोर। और अचानक मुझे खुशकिस्मती महसूस हुई, क्योंकि मेरे साथ एक मेल फ्रैंड था। मैं बार-बार सोचती रही थी कि अगर मैं अकेली होती, तो क्या होता? मुझे वीडियो रिकॉर्ड करने का मन हुआ, लेकिन तुरंत एहसास हुआ कि ऐसा करने से वे और भड़क सकते हैं। इसलिए मैंने नहीं किया।’
अपनी पोस्ट के आखिर में सुमोना ने लिखा है, ‘यह डरावना है जब आपको समझ आता है कि आप कौन हैं या कहां हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता, कानून और व्यवस्था कुछ ही सेकंड में ढह सकती है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन होते हैं, हमने उन्हें कहीं ज्यादा गंभीर कारणों के लिए देखा है। और उन पर तो पुलिस तुरंत कार्रवाई कर देती है। लेकिन यहां? पूरी तरह से कानूनहीनता। एक टैक्स चुकाने वाली नागरिक के रूप में, एक औरत के रूप में, और एक ऐसे इंसान के रूप में जो इस शहर से प्यार करता है, मैं बहुत विचलित हूं। हम इससे बेहतर के हकदार हैं, शासन और नागरिक जिम्मेदारी का यह मजाक नहीं। हम इसके हकदार हैं कि अपने ही शहर में सुरक्षित महसूस कर सकें।’
इस पोस्ट के कैप्शन में सुमोना ने लिखा, ‘यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था जैसा नहीं लगता। यह एक प्रगतिशील समाज जैसा नहीं लगता। यह वह “डिजिटल भारत” नहीं है, जिसके बारे में वे लगातार बातें करते हैं। क्योंकि जब जातिवाद, धर्म, राजनीति, भ्रष्टाचार, नौकरशाही, अशिक्षा और बेरोजगारी ही खेल चला रहे हों, तो यह विकास नहीं है। यह पतन है।’