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रेड अलर्ट के बीच आसमान से बरसी आफत, भूस्खलन से चार लोगों की मौत, 11 जिलों में स्कूल बंद

शिमला। हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट के बीच रविवार से जारी जोरदार बारिश ने तबाही मचाई है। जगह-जगह भूस्खलन से व्यापक नुकसान हुआ है। शिमला की जुन्गा तहसील में पटवार सर्कल डबलू के उप मोहाल जोत में एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में पिता और पुत्री की मौत हो गई है। मृतक की पहचान वीरेंद्र कुमार (35), पुत्र जय सिंह निवासी पटवार सर्कल डबलू के उप मोहाल जोत के रूप में हुई है। हादसे में उसकी 10 वर्षीय बेटी की भी मौत हो गई है। इसके साथ ही मवेशियों की भी मौत हो गई। घटना में मृतक की पत्नी बाल-बाल बच गई, क्योंकि वह उस समय घर के बाहर थीं।
उधर, कोटखाई में भारी बारिश की वजह से सुबह खनेटी के चोल गांव में एक मकान भूस्खलन के कारण ढह गया। भूस्खलन की चपेट में आने से एक बुजुर्ग महिला कलावती पत्नी बालम सिंह की मलबे में दबने से मौत हो गई। वहीं जुब्बल के भौली गांव में आशा देवी पत्नी स्वर्गीय अमर सिंह का मकान भूस्खलन से ढह गया। मलबे में दबने से एक बच्ची कनिष्का की मौत हो गई। प्रभावित परिवार को 30 हजार की फौरी राहत प्रदान की गई है। तहसीलदार जुब्बल और हलका पटवारी मौके पर मौजूद हैं, प्रभावित परिवार को निकटवर्ती सामुदायिक केंद्र में स्थानांतरित किया गया है।
शिमला में खलीनी-झंझीड़ी सड़क टूट गई है। सड़क का काफी हिस्सा बह गया है। रामनगर में भूस्खलन से खलीनी-टुटीकंडी बाईपास बाधित हो गया। शिव शक्ति बिहार मजीठा हाउस में सड़क ढहने से नीचे मौजूद मकान को खतरा हो गया है। कृष्णानगर वार्ड के लालपानी क्षेत्र में बाईपास पुल के पास सड़क पर पेड़ गिर गया। मैहली-शोघी सड़क पर पासपोर्ट कार्यालय क्षेत्र गीता निवास रूप कॉलोनी के नीचे भूस्खलन हुआ है। समरहिल, लोअर विकासनगर में भी भूस्खलन हुआ है। मज्याठ-नालागढ़ सड़क पर भी मलबा गिरा है। वहीं गाद आने से शहर की जल स्रोतों से पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। सुबह चौधरी निवास लोअर पंथाघाटी के पास भूस्खलन हुआ, जिसमें दो कारें दब गईं। भूस्खलन से एक बड़ा पेड़ अस्थिर हो गया है और किसी भी समय इमारत पर गिरने का खतरा है। छोटा शिमला-संजौली मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास भूस्खलन हुआ है। चमियाणा अस्पताल जाने वाली सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है। पगोग सड़क पर भारी बारिश से पेड़ गिर गया। इससे यातायात बाधित हो गया।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 7 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा। आज ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के लिए रेड अलर्ट है। जबकि हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, मंडी, किन्नौर व लाहौल-स्पीति के लिए आॅरेंज अलर्ट है। 2 सितंबर के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में रेड अलर्ट, जबकि बाकि जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट जारी किया गया है। खराब मौसम को देखते हुए शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, मंडी, ऊना और हमीरपुर, लाहौल-स्पीति में प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।
राज्य में भूस्खलन, बाढ़ से सोमवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित 793 सड़कें बंद रहीं। इसके अतिरिक्त 2,174 बिजली ट्रांसफार्मर व 365 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। भरमौर-पठानकोट हाईवे भरमौर से जांघी तक बंद है। चंबा जिले में 253 सड़कें, 269 ट्रांसफार्मर, 76 पेयजल योजनाए प्रभावित हैं। सड़कें बंद होने से लोग पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। मंडी जिले में 265 व सिरमौर में 136 सड़कें बंद हैं।
प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 3,05,684.33 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 31 अगस्त तक 320 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 379 लोग घायल हुए हैं। 40 लोग अभी लापता हैं। इस दौरान 154 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 4,569 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 3,710 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,885 पालतु पशुओं की मौत हुई है।
ऊना जिले के ग्राम पंचायत परोइयां कलां में सोमवार को बारिश ने कहर बरपाया है। जगत राम पुत्र चेत राम, मोहिंद्र पाल पुत्र चेत राम, जसबिंद्र पाल पुत्र चेत राम, रतन चंद पुत्र चेत राम व चेत राम साद राम के घर के पास भूस्खलन हुआ। भूस्खलन के कारण दो मवेशी मलबे में दब गए, साथ ही घर के पांच कमरे, रसोईघर, घर के पीछे का बरामदा और चार मवेशी मलबे में दब गए। मकान को भी नुकसान पहुंचा है। कंडाघाट के समीप मनसार के पास पहाड़ी दरकने से कालका-शिमला हाईवे बंद हो गया है।
थाना कलां में अचानक हुई तेज बरसात और बादल फटने जैसी स्थिति ने रायपुर मैदान क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी। देखते ही देखते पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा बहकर नीचे आ गया, जिससे कई पशुशालाओं में पानी व मलबा घुस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अचानक तेज आवाज के साथ पहाड़ से पानी और पत्थर बहते हुए नीचे आए। इस दौरान कुछ पशुशालाओं में मलबा भर जाने से पशुओं के घायल होने की भी आशंका जताई जा रही है। कई मकानों और खेतों में भी पानी भर गया है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सोलन में कुमारहट्टी के हरिपुर में दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। इससे चार लोग घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। वहीं विश्व धरोहर कालका-शिमला रेललाइन पर कोटी से कनोह रेलवे स्टेशन के बीच जगह-जगह मलबा गिरा है। इस कारण कालका-शिमला एक्सप्रेस 52457 ट्रेन को धर्मपुर रोका गया। ट्रैक को सुचारू करने का टीम कार्य कर रही है। हालात यह है कि जैसे ही मलबा हटाया जाता है वैसे ही मलबा ट्रैक पर गिर रहा है।लाहौल व कुल्लू घाटी में दो दिनों से बारिश होने के साथ चोटियों में ताजा बर्फबारी हो रही है। शिंकुला दर्रा में ताजा बर्फबारी हुई है। इसके अलावा घाटी की ऊंची चोटियों में भी फाहे गिरने से ठंड बढ़ गई है। वहीं अटल टनल रोहतांग के नोर्थ पोर्टल से सिस्सू के बीच पागलनाला में बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग अवरूद्ध हो गया है। दो दिनों पहले ही बीआरओ ने पागनाला को बहाल किया था।

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर पत्थर आफत बनकर बरस रहे हैं। कंडाघाट के समीप अचानक पत्थर व मलबा सड़क पर आ गिरा। इससे वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गई है। वहीं एक कार सवार बाल-बाल बचा है। जिले में सड़कों की स्थिति दयनीय है।

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