मथुरा

नवाड़ा में बिजली बंद होने से छह हजार उपभोक्ताओं को छह घंटे तक संकट का सामना करना पड़ा।

गुरुवार को नवाड़ा पावर प्लांट में बिजली बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। 33 केवी की बिजली लाइन पर नए खंभे स्थापित किए जा रहे थे, जिसके चलते विद्युत आपूर्ति में बाधा आई। इस दौरान उपभोक्ताओं ने पावर हाउस से लगातार बिजली की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी। इसके अतिरिक्त, अन्य क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई।

नवाड़ा पावर हाउस की लाइन पर काम करने के लिए गुरुवार को एसडीओ द्वारा एक शटडाउन लिया गया था। इस दौरान, कई फीडरों जैसे टैकमेन शहर, भगवान नगर, विरजापुर, चंद्रपुरी, प्रहलाद नगर, प्रिया नगरी, और देहाट के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति कट गई। शाम को पांच बजे के बाद बिजली आपूर्ति को फिर से शुरू किया जाने की संभावना थी।

इस अवधि में, 33 केवी लाइन पर तीन से चार खंभे बदले गए और ढीले तारों को कसकर ठीक किया गया। इस परेशानी के कारण छह हजार से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हुए। प्रभावित क्षेत्र के लोग बिजली कर्मचारियों को फोन करके उनके क्षेत्र में बिजली की स्थिति के बारे में अपडेट मांगते रहे।

एसडीओ के अनुसार, बिजली की आपूर्ति लगभग 5 बजे सामान्य हो गई। कृष्णनगर पावर स्टेशन में भी कुछ कार्य चल रहे थे, जिसके कारण आधे घंटे के लिए बिजली बंद रही। बेंगलीघाट पावर हाउस से मयूर विहार फीडर पर भी कोई तकनीकी गलती हुई। इसके अलावा, गोकुल से कैंट 33 केवी लाइन भी करीब एक घंटे के लिए बंद रही। लक्ष्मण क्षेत्र और लोहवान क्षेत्र के बीच भी बिजली की आपूर्ति में रुकावट आई।

आकाशवाणी के लक्ष्मणनगर क्षेत्र में भी बिजली की प्रणाली पिछले रात भर विफल रही, जिससे लोग रात में अच्छी नींद नहीं ले सके। यह समस्या आर्द्र मौसम के दौरान और भी बढ़ जाती है, जिससे लोगों को बिजली की विफलता के कारण परेशान होना पड़ता है। ऐसे में कोई निश्चितता नहीं होती कि कब बिजली चलेगी और कब आएगी।

स्थानीय नागरिकों ने इस विषय पर अपनी निराशा व्यक्त की है, क्योंकि उनका जीवन और दैनिक कार्यसंचालन बिजली पर निर्भर करता है। बिजली कटौती के कारण कई व्यवसाय भी प्रभावित हुए हैं। व्यापारियों ने कहा कि ऐसे समय में जब ग्राहक सेवाओं की आवश्यकता होती है, बिजली की कटौती उनकी बिक्री पर सीधा असर डालती है। इससे ना केवल व्यवसायों को नुकसान होता है, बल्कि आम जनता को भी कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

जबकि बिजली विभाग समय-समय पर मरम्मत और रखरखाव के कार्य करता है, स्थानीय निवासी चाहते हैं कि इन कार्यों की योजना इस तरह बनाई जाए कि नागरिकों को कम से कम परेशानी हो। ऐसे स्थायी हल खोजे जाने चाहिए, जिससे बिजली की कटौती की स्थितियों को कम किया जा सके। इसके लिए विभाग को उपभोक्ताओं के प्रति अधिक संवेदनशील होना होगा और उन्हें समय पर सूचना देनी होगी।

इस समस्या को और बढ़ाते हुए, लोग जिससे खुद को जोड़े रखते हैं, वह भी अधर में लटकी हुई है। आर्द्र मौसम में बिजली की विफलता से आसपास के स्कूल और कॉलेज भी प्रभावित हैं। पढ़ाई में बाधा आने के कारण छात्र भी चिंता में रहते हैं। ऑनलाइन कक्षाएं और अध्ययन सामग्री को ग्रहण करने में कठिनाइयाँ आ रही हैं। विशेषकर परीक्षा के समय छात्रों का मनोबल और पढ़ाई का वातावरण तैयार करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

समुदाय के कुछ सदस्य सुझाव देते हैं कि बिजली विभाग को तकनीकी सुविधाओं का अद्यतन करना चाहिए, ताकि समस्याओं का समाधान जल्दी किया जा सके। इसके अलावा, विभाग को जागरूकता अभियान चलाकर उपभोक्ताओं को उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक करना चाहिए। इसके माध्यम से, उपभोक्ताओं को भी बिजली उपयोग में सतर्कता बरतने की आवश्यकता समझाई जा सकती है, ताकि अनावश्यक दबाव न पड़े।

इस बीच, स्थानीय प्रशासन भी इस समस्या पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने बिजली की आपूर्ति में सुधार के लिए कुछ सुझाव तैयार किए हैं, जिन्हें जल्द ही लागू करने की योजना है। स्थानीय निवासियों को आशा है कि इन प्रयासों से भविष्य में उन्हें इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

कुछ उपभोक्ता यह भी मानते हैं कि बेहतर संचार व्यवस्था के माध्यम से बिजली कटौती की स्थिति को और बेहतर बनाया जा सकता है। यदि पहले से बताया जाए कि बिजली कब कटेगी और कब वापस आएगी, तो लोग पहले से तैयारी कर सकते हैं। इसके साथ ही, वे अपनी आवश्यकताओं को भी उस समय तक प्रबंधित कर सकते हैं।

इस मामले में कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने बिजली विभाग से मांग की है कि वह अपने कार्य प्रणालियों में सुधार करे, ताकि उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। सरकार ने भी इस विषय पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है।

नियमित रूप से होने वाली बिजली कटौती के कारण अब लोग समाधान के लिए आवाज उठाने लगे हैं। जब तक स्थायी समाधान नहीं मिल जाता, तब तक यह दिक्कतें जारी रहने की संभावना है। ऐसे में सभी पक्षों को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।

अब यह देखना होगा कि इन सभी सुझावों और मुद्दों को प्राथमिकता देकर कैसे हल किया जाएगा। स्थानीय नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना किसी भी प्रगतिशील समाज के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी अपेक्षाओं के साथ, उम्मीद है कि वह दिन आएगा जब नवाड़ा की बिजली आपूर्ति बिना किसी रुकावट के चलती रहेगी, और लोग इसे गंभीरता से ले सकेंगे।

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