खेल

हिमाचल का ‘गब्रू’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में चयन, श्रीलंका में प्रदर्शन करेगा।

आर्यन परमार की क्रिकेट में उपलब्धि

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के उप-विभाजन नादुन के टिलु गांव के आर्यन परमार को भारत और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे अंतर्राष्ट्रीय क्लब क्रिकेट चैंपियनशिप के 20-member दस्ते में चुना गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है और न केवल आर्यन के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

आर्यन परमार सिद्धार्थ गवर्नमेंट कॉलेज, नादुन में बीए तृतीय वर्ष के छात्र हैं। उनका प्रारंभिक शिक्षा Government Senior Secondary School, जलादी में हुई थी, जहां उन्होंने न केवल पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि खेलों में भी अपनी पहचान बनाई। आर्यन ने कबड्डी और एथलेटिक्स में उत्कृष्टता दर्ज की है, और उन्होंने ब्लॉक, जिला, और राज्य स्तर पर अपने स्कूल और जिला का प्रतिनिधित्व किया है।

खेलों में उनकी उपलब्धियाँ

आर्यन ने हाल ही में गाजियाबाद में आयोजित पैरा कबड्डी टूर्नामेंट में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी’ का पुरस्कार भी प्राप्त किया। इस टूर्नामेंट में हिमाचल प्रदेश की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया। आर्यन की मेहनत और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।

उन्हें इस उपलब्धि पर प्रदेश के गवर्नर द्वारा सम्मानित किया गया, जो उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का पल है। आर्यन का चयन पैरा क्लब और भारतीय क्रिकेट टीम में होना उनके और उनके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।

आगे की योजना

आर्यन का चयन होने के बाद, उन्हें सितंबर में देहरादून में होने वाले कोचिंग शिविर में भाग लेना होगा। इसके बाद, वे अक्टूबर में श्रीलंका के कोलंबो के स्काई स्पोर्ट्स क्लब स्टेडियम में आयोजित होने वाली चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे। इस चयन से उनके परिवार और पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

आर्यन एक सामान्य परिवार से हैं और उन्होंने अपने बचपन से ही खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनके परिवार ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया, और उनके प्रयासों का ये फल है कि आज वे इतने बड़े मंच पर खेल रहे हैं।

प्रेरणा का स्रोत

आर्यन परमार की कहानी न केवल एक खिलाड़ी की है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं। वे यह साबित करते हैं कि यदि व्यक्ति में जज़्बा और मेहनत हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।

रणनीतिक प्रदर्शन, मेहनत और अनुशासन के साथ, आर्यन ने अपने क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। उनके साथ-साथ उनके परिवार और कोच भी उनकी सफलता में योगदान देने वाले महत्वपूर्ण तत्व रहे हैं।

साझा की गई खुशियाँ

आर्यन के चयन ने उनके गांव और समुदाय में खुशी का संचार किया है। लोग उनके और उनकी उपलब्धियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं और उनकी सफलता के लिए बधाई सन्देश भेज रहे हैं।

उनके परिवार ने उनके सपनों को पूरा करने में समर्थन दिया, और अब ये सभी खुशियाँ उनके संघर्ष और मेहनत की गवाही दे रही हैं। आर्यन की यह सफलता न केवल उन्हें, बल्कि सभी को यह एहसास दिलाती है कि यदि इरादा मजबूत हो, तो कुछ भी संभव है।

निचोड़

आर्यन परमार की क्रिकेट में उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि खेल सिर्फ जीतने का ज़रिया नहीं है बल्कि यह समर्पण, संघर्ष, और साझा खुशियों का माध्यम भी है।

आगे बढ़ते रहिए आर्यन, हम आपके सफल भविष्य की कामना करते हैं।

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