मथुरा

यमुना नदी आज खतरे के निशान तक पहुंचेगी; गोकुल बैराज से 705635 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

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आगरा में यमुना नदी का जल स्तर बढ़ रहा है

आगरा में यमुना नदी में जल स्तर में वृद्धि एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर रही है। यह वृद्धि गोकुल बैराज से पानी छोड़ने के कारण हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति यही रही, तो शुक्रवार तक जल स्तर खतरे के निशान 495 फीट तक पहुंच सकता है। इसका प्रभाव क्षेत्र में स्थित सदर, फतेहबाद, एटमदपुर और बाह के कई गांवों पर पड़ेगा। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए जा चुके हैं।

गोकुल बैराज से यमुना नदी में 70,635 क्यूसेक पानी जारी करने से जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ता जल स्तर केवल नदी की सीमाओं में ही नहीं, बल्कि उससे लगे क्षेत्रों में भी खतरे की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। प्रशासन ने जल स्तर की निगरानी के लिए बाढ़ के पदों को सक्रिय कर दिया है।

हाल ही में, हथिनिकुंड बैराज से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी जारी किया गया था, जिसके कारण यमुना का जल स्तर 496 फीट तक पहुंच गया था। इसी तरह से गोकुल बैराज से भी पानी की लगातार आवृत्ति हो रही है, जिससे जल स्तर और भी बढ़ सकता है। बारिश की लगातार गतिविधियों ने स्थिति को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

बाढ़ की संभावित मार

बाढ़ की चपेट में आने वाले क्षेत्रों में सदर, एटमदपुर, बाह और फतेहबाद के सैकड़ों गांव हैं। कई गांवों के प्रभावित होने की संभावना है, इसलिए प्रशासन ने 28 बाढ़ पदों को सक्रिय कर दिया है।

स्थानीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे जल स्तर की लगातार निगरानी करें ताकि किसी भी संभावित समस्या का समय पर समाधान किया जा सके। क्षेत्रों में संभवतः जल भराव के कारण कृषि क्षेत्र को भी नुकसान पहुंच सकता है।

किसानों पर प्रभाव

किसान इस स्थिति से काफी चिंतित हैं, क्योंकि जल स्तर में वृद्धि उनके खेतों में पानी भरने की संभावना को बढ़ा रही है। हाल ही के सप्ताहों में यमुना का जल स्तर 496 फीट तक पहुँच चुका है, जिससे लगभग 2,000 बीघा फसलें प्रभावित हो चुकी हैं। पानी लगभग 2-3 दिनों तक खेतों में रुका रहा, जिससे पूरी फसल को नुकसान पहुँचने की स्थिति उत्पन्न हुई।

किसान ज्ञान सिंह ने बताया कि उनके खेतों में खड़ी हरी सब्जियों का भी पूरी तरह से नष्ट होना बहुत दुखदायी है। किसानों को नुकसान का मुआवजा मिलने की संभावना पर भी चर्चा चल रही है, लेकिन सभी किसानों को तत्काल राहत मिलना मुश्किल है।

नदियों के जल स्तर में वृद्धि

इस समय यूटंगण और चंबल नदियों के जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है। यूटंगण का जल स्तर खतरे के निशान से दो फीट कम है, जबकि चंबल नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। चंबल नदी का जल स्तर 121 मीटर तक पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान 130 मीटर से नीचे है। इस सीजन में चंबल ने दो बार खतरे के निशान को पार किया है।

डीएम ने बताया है कि यमुना, चंबल और यूटंगण नदियों में बाढ़ ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इन फसलों का सर्वेक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा। यदि नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक हुआ तो किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से आगरा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्रशासन कुछ आवश्यक कदम उठा रहा है, लेकिन किसानों को मुआवजे की प्रक्रिया और स्थितियों का सही आकलन होना अभी बाकी है। इस समय सभी ध्यान रख रहे हैं कि जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

किसान, स्थानीय प्रशासन और नदियों की स्थिति सब पर नजर रखी जा रही है, जिससे स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और नुकसान को कम किया जा सके। हमें उम्मीद है कि समय पर कदम उठाने से बाढ़ की स्थिति से उबरने में मदद मिलेगी।


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