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क्या पीएम मोदी, पुतिन और चिनफिंग की तिकड़ी हटाई जाएगी? SCO सम्मेलन से जुड़ी सभी जानकारियाँ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी महत्वपूर्ण विदेश यात्रा पर निकल रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार में टैरिफ की चुनौतियों के बीच हो रही है। उन्हें सबसे पहले जापान जाना है, जहां वह जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशीबा के साथ भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके बाद, वह चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें प्रमुख वैश्विक नेता जैसे कि शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति होने की उम्मीद है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य इन देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के दायरे में आ चुका है। इनमें से कुछ टैरिफ विशेष रूप से तेल की खरीद पर आधारित हैं, जहाँ भारत पर रूस से तेल खरीदने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण बन जाती है, क्योंकि इसमें भारत को अपने सहयोगात्मक रिश्तों को मजबूत करने का एक मौका मिलेगा।

### जापान में पीएम मोदी का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा कई मायनों में खास है। यह लगभग सात वर्षों में उनकी पहली एकल यात्रा है, और यह उनके लिए जापानी प्रधानमंत्री इशीबा के साथ पहला वार्षिक सम्मेलन भी होगा। 29 अगस्त को, वे इशीबा से मिलेंगे। यह बैठक दोनों प्रधानमंत्रियों को अपने देशों के बीच संबंधों की समीक्षा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी होगा।

विदेश सचिव विक्रम मिस्र का कहना है कि इस यात्रा के दौरान नई पहल के जरिए रिश्तों में अधिक लचीलापन लाने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे उभरते हुए अवसरों और चुनौतियों का सामना किया जा सके।

### चीन में SCO शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री मोदी के लिए चीन में कार्यक्रम भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्हें 31 अगस्त और 1 सितंबर को SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के तियानजिन जाना है। SCO में भारत, चीन के अलावा दस अन्य सदस्य देश शामिल हैं। यहाँ पर मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक की संभावना है।

इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे, जिससे यह बैठक और भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है। दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद यह अवसर है जहाँ भारतीय प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक ही मंच पर मौजूद रहेंगे।

### Modi-Putin की बैठक

SCO शिखर सम्मेलन में मोदी और पुतिन के बीच बैठक की संभावनाएं भी चर्चा का विषय हैं। भारत और रूस के संबंध सदियों पुराने हैं, और इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, इस पर विदेश सचिव ने कहा है कि बैठक की योजना अभी अंतिम रूप में नहीं आई है।

इस यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है वो है अमेरिकी टैरिफ नीति, जिसने वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा दिया है। ऐसे हालात में, भारत के लिए अपने सहयोगियों के साथ मजबूत संबंध बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसरों की खोज करना और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करना है। साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि यह भी दर्शाएगी कि भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी रणनीतियों को कितनी मजबूती से तैयार किया है।

### निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की यह विदेश यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका को मजबूत करने के लिए यह यात्रा कई संभावनाएँ प्रदान करती है। विशेषकर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के संदर्भ में यह यात्रा अधिक महत्व रखती है। ऐसे में, जापान और चीन के साथ संबंधों को नई दिशा देने के लिए बुधवार से शुरू होने वाली यह यात्रा भारत के लिए एक सकारात्मक पहल हो सकती है।

भारत का उद्देश्य न केवल अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ सामंजस्य स्थापित करना है, बल्कि नए आर्थिक, राजनीतिक, और सुरक्षा संबंधों की स्थापना भी करना है। इससे यह भी साफ होता है कि आज का भारत केवल एक क्षेत्रीय शक्ति ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रभावशाली शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इस यात्रा के दौरान लिए गए निर्णय और पहलें आने वाले समय में भारत के लिए कई नई संभावनाएँ खोलेगी।

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